क्या गर्दन में दर्द बन रही आपके रोज़ाना कार्य में रुकावट, जाने किन कारणों से होती है नेकपेन की समस्या ?

न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक शॉर्ट्स के माध्यम से यह बताया गया की कोविड काल के बाद से कई लोगों ने अपने काम करने के तरीके को काफी हद तक बिल्कुल ही बदल दिया है और ऑफीस जाने बजाये अब कई लोगों ने  वर्क फ्रॉम होम करना शुरू कर दिया है, जिस कारण वह अपना काफी समय कंप्यूटर पर काम करने में ही व्यतीत कर देते है | लगातार कंप्यूटर पर काम करने से कई बार लोगों को गर्दन में काफी तीव्र दर्द होने की समस्या से गुजरना पड़ जाता है | 

ऐसा तब होता है जब कंप्यूटर पर काम कर रहा व्यक्ति अपने सिर को पीछे की और फिर आगे को ओर एकदम से झटका देता है, जिससे गर्दन की नरम ऊतकों पर काफी दबाव पड़ने लग जाता है | हालाँकि यह दर्द थोड़े समय के लिए ही रहता है, जिससे अक्सर लोग नज़र अंदाज़ करना देते है | लेकिन स्थिति गंभीर होने पर यह गर्दन में दर्द सर्वाइकल डिस्क हर्नियेशन, सर्वाइकल स्पाइनेस स्टेनोसिस या फिर स्पाइनल नर्व रूट के संपीड़न के कारण भी उत्पन्न हो सकते है | 

 

गर्दन में हो रहे दर्द का समय रहते इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होते है, स्थिति गंभीर होने पर यह आपके रोज़मर्रा कामो में बाधा बनने का काम भी कर सकती है और इसके साथ ही यह समस्या आगे जाकर बहुत बड़ी बीमारी होने का कारण भी बन सकती है | इसलिए बेहतर यही है कि लक्षण का पता लगते ही किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएं और स्थिति की अच्छे से जाँच-पड़ताल करवाएं।, ताकि समस्या को गंभीर होने से रोका जा सके | 

 

यदि आप में कोई भी व्यक्ति ऐसी ही परिस्थिति से गुजर रहा है तो इलाज में न्यूरोसिटी हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर राजिंदर सिंह ओर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 26 वर्षों से ऑर्थोपेडिक्स से जुड़ी समस्या का सटीक इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |   

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |              

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    क्या गर्दन में दर्द बन रही आपके रोज़ाना कार्य में रुकावट, जाने किन कारणों से होती है नेकपेन की समस्या ?
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    क्या गर्दन में दर्द बन रही आपके रोज़ाना कार्य में रुकावट, जाने किन कारणों से होती है नेकपेन की समस्या ?

    • September 7, 2024

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    न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक शॉर्ट्स के माध्यम से…

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    डॉक्टर विकेश से जाने उनके हॉस्पिटल में कैसे किया अस्थमा से पीड़ित मरीज़ों का सटीक इलाज ?
    Neurologist

    डॉक्टर विकेश से जाने उनके हॉस्पिटल में कैसे किया अस्थमा से पीड़ित मरीज़ों का सटीक इलाज ?

    • August 18, 2024

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    न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और पुमोनोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट डॉक्टर विकेश गुप्ता…

    डॉक्टर विकेश से जाने उनके हॉस्पिटल में कैसे किया अस्थमा से पीड़ित मरीज़ों का सटीक इलाज ?

    न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और पुमोनोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि पूरे विश्व भर में 2 मई को वर्ल्ड अस्थमा के नाम से मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच अस्थमा जैसी गंभीर समस्या के बारे में जागरूकता को बढ़ाया जा सके | अस्थमा जैसी गंभीर समस्या हर वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है | 

     

    आज के दौर में फसल कटाई के दौरान या फिर प्रदूषित वातावरण या गई धूम्रपान जैसी नशीली पदार्थों का सेवन करने की वजह से अस्थमा से पीड़ितों के मामले काफी सामने आ रहे है | अस्थमा के प्रमुख लक्षण है लंबे समय तक खांसी का होना, साँस लेने के दौरान सिटी का बजना और इससे पीड़ित कई मरीज़ों साँस में परशानी भी हो सकती है | इसलिए इस समस्या का सही समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है | यदि आपके आस-पास कोई भी व्यक्ति ऐसे लक्षणों से गुज़र रहा है तो उसे छाती में विशेषज्ञ के पास जाकर परामर्श ज़रूर करवाना चाहिए, ताकि समस्या का सही समय पर निदान हो सके और उचित समय पर उपचार प्राप्त हो सके |

    कई लोग को इस बात का भ्रम में होते है की अस्थमा का इलाज इनहेलर के माध्यम से किया जाता है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं होता हर व्यक्ति में अस्थमा होने के मुख्य कारण विभिन्न होते है | कई मामलों होते है जिनमें इनहेलर की ज़रुरत पड़ती है लेकिन कई मामलों में अस्थमा से पीड़ित मरीज़ों का इलाज सही दवाओं और उचित उपचार से किया जा सकता है | जब अस्थमा की समस्या कम होने लग जाती है तो डॉक्टर दवाओं की खुराक को धीरे-धीरे कम कर देता है | 

     

    इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |

     

    यदि आप या फिर आपके आसपास कोई भी व्यक्ति अस्थमा से पीड़ित है और स्थायी इलाज करवाना चाहता है तो इसके लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता पुमोनोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट है, जो अस्थमा जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाए और अपनी अपॉइनमेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |

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      न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और पुमोनोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट डॉक्टर विकेश गुप्ता…

      Latest Treatment Solutions with Neurociti

      Unexplainable pain can be an emotionally hard journey to manage. It is one thing to be in pain when you are aware of the issues and troubles you are facing, but being unaware and in the dark can be an entirely difficult and harrowing experience. Certain symptoms of your pain levels can overlap with a variety of different issues, making it extremely difficult to correctly diagnose your struggles.

       

      Dystonia is one of the lesser-known movement-related disorders. Any person experiencing dystonia will have uncontrollable muscle contractions in certain parts of their body. More often than not, these are false signals sent by the brain and the patient’s nervous system. It can also manifest in the form of abnormal postures along the way. It has the capacity to be both a chronic as well as an acute disease. The intensity of dystonia can vary from person to person.

       

      At Neurociti Hospital, our team of experts can help you manage this disorder. With our state-of-the-art technology and treatment solutions at our disposal, we can help tend to your symptoms and enhance your standard of living. It can be incredibly difficult to live a life with dystonia, however acute or chronic the illness is. At Neurociti Hospital, we believe in helping out our patients wherever and in how many ways we can. To start your healing journey, visit our website for more information. You can easily book an appointment online!

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        • September 7, 2024

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        Expert Bronchoscopy Surgery Treatment

        At Neurociti Hospital, our experienced team of doctors understands the uniqueness of each patient. We provide an approach that starts with a thorough consultation to understand the symptoms and medical history and find the root cause of the problem. Whether it is caused by some TV, cancer, asthma or any other reason, we will provide you with the proper personalized treatment from our experts to address your needs and ensure quick and lasting relief. 

         

        In this video, Dr Vikesh Gupta, a specialist doctor at Neurociti Hospital Ludhiana, explained bronchoscopy procedures to our patients; this is a procedure in which the inside of the lungs can be examined through an endoscope. The bronchoscopy procedure is beneficial for patients who cough up blood. Through bronchoscopy, we can see inside the lungs, biopsy the tumour, and find out what is causing it. Bronchoscopy is very beneficial; there is no need for admission to get this procedure done; this procedure can be done on an OPD basis; for the best bronchoscopy procedure, go to Vikes Gupta.

        We will provide comprehensive allergy tests and customized treatment plans for allergies or viral infections to reduce the trigger and correct the infection. For some chronic problems like TV, cancer, and asthma, our experienced team of doctors will assist you with long-term strategies, including medications and some lifestyle changes to relieve the problem successfully. With advanced diagnostics and compassionate expertise, we are committed to restoring your respiratory health. 

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          • September 7, 2024

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          Expert Cough Treatment Solutions

          Are you facing a persistent cough issue? At Neurociti Hospital, we provide comprehensive cough care to deliver the relief you need. We understand that a lingering lough can have a significant impact on your day-to-day activities. It can affect your overall well-being. At Neurociti Hospital, our experts will try to discover the underlying cause of the cough problem. Our specialists will offer advanced personalized solutions to your cough problem. 

          At our hospital, our experienced team of doctors understand the uniqueness of each patient and provide an approach that starts with a thorough consultation to understand your symptoms and medical history to find the root cause of the problem. Whether it is caused by some allergic reaction, viral infection, asthma or any other reason, we will provide you with the proper personalized treatment from our experts to address your needs and ensure quick and lasting relief. 

           

          We will provide comprehensive allergy tests and customized treatment plans for issues like allergies or viral infections to reduce the trigger and correct the infection. For some chronic problems like asthma, our experienced team of doctors will assist you with long-term strategies, including medications and some lifestyle changes to relieve the problem successfully. With advanced diagnostics and compassionate expertise, we are committed to restoring your respiratory health.

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            • September 7, 2024

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            • August 23, 2024

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            • August 18, 2024

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            Dr Vikesh Gupta Explains About Asthma & Its Treatments

            Asthma has become a common problem and can affect a person of any age. To spread its awareness, the 2nd of May is celebrated as World Asthma Day. In this video, our expert, Dr Vikesh Gupta, explains asthma, its misconceptions, and the treatments that are available. 

            Dr Vikesh Gupta explains that asthma can happen at any age and has become a common issue. Air pollution, harvest season, and excessive smoking habits can contribute to the development of asthma or can worsen your asthma. Its symptoms include prolonged cough, stringy cough, whistle sound while breathing, or breathing issues.

             

            If someone experiences these symptoms, they must consult a chest specialist, as they can help diagnose the problem at an early stage. Detecting the problem early can help in managing the condition well and prevent it from getting worse. 

            Dr Vikesh Gupta explains how many people have misconceptions about asthma, one of which is about inhalers. He said people believe inhalers are the only treatment option, whereas, in reality, there are other treatment options available. Medicines are also given to treat asthma, and with the right treatment, the inhalers can be stopped altogether. 

            Therefore, he suggests everyone take a pledge to raise awareness about asthma and its treatments and make people aware that it is a treatable condition. So, if you have any problem in your chest or some other issue, visit Neurociti Hospital & Diagnostic Centre.

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              क्या गर्दन में दर्द बन रही आपके रोज़ाना कार्य में रुकावट, जाने किन कारणों से होती है नेकपेन की समस्या ?
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              क्या गर्दन में दर्द बन रही आपके रोज़ाना कार्य में रुकावट, जाने किन कारणों से होती है नेकपेन की समस्या ?

              • September 7, 2024

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              न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक शॉर्ट्स के माध्यम से…

              A comprehensive guide managing and overcoming sleep disturbances.
              Sleep disorder

              A comprehensive guide managing and overcoming sleep disturbances.

              • August 23, 2024

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              • August 18, 2024

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              मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियाँ या स्ट्रोक के क्या है कारण, लक्षण जोखिम कारक और उपचार के तरीके ?

              मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियां, जो अक्सर स्ट्रोक का कारण बनती है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति के रूप में जानी जाती है जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। इस ब्लॉग में, हम इस स्थिति से जुड़े कारणों, लक्षणों, जोखिम कारकों और उपचार के तरीकों का पता लगाएंगे, तो मस्तिष्क में स्ट्रोक के बारे में जानने के लिए लेख के साथ अंत तक बने रहें ;

              मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों (स्ट्रोक) के कारण !

              • मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियां मुख्य रूप से रक्त वाहिकाओं के भीतर फैटी जमा के निर्माण के कारण होती है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है। ये जमाव धमनियों को संकीर्ण या पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकते है, जिससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। यदि किसी कारणवश आपके दिमाग में रक्त का प्रवाह कम हो गया हो तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए 
              • इन संकुचित धमनियों के भीतर रक्त के थक्के भी बन सकते है, जिससे रक्त प्रवाह और भी बाधित हो सकता है। कुछ मामलों में, थक्के या प्लाक का एक टुकड़ा टूटकर मस्तिष्क तक जा सकता है, जिससे रुकावट पैदा हो सकती है, जिसे एम्बोलिक स्ट्रोक कहा जाता है।

              मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों (स्ट्रोक) के लक्षण क्या है ?

              • स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर हस्तक्षेप से दीर्घकालिक क्षति को कम किया जा सकता है। मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनी के सामान्य लक्षणों में शामिल है ;
              • चेहरे, हाथ या पैर के एक तरफ अचानक कमजोरी या सुन्नता।
              • बोलने में कठिनाई या अस्पष्ट वाणी।
              • बिना किसी ज्ञात कारण के गंभीर सिरदर्द।
              • अचानक चक्कर आना, संतुलन खोना, या समन्वय संबंधी समस्याएं।
              • दृष्टि संबंधी समस्याएं, जैसे धुंधला या दोहरी दृष्टि।
              • यदि आप या आपके कोई परिचित इन लक्षणों का अनुभव करते है, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये संभावित स्ट्रोक के संकेत है।

              लेकिन स्ट्रोक के लक्षण गंभीर नज़र आने पर आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन के संपर्क में आना चाहिए।

              मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों (स्ट्रोक) के जोखिम कारक क्या है ?

              कई जोखिम कारक मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों की संभावना को बढ़ा सकते है, जैसे ;

              उच्च रक्तचाप : अनियंत्रित उच्च रक्तचाप धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है और एथेरोस्क्लेरोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है।

              धूम्रपान : धूम्रपान स्ट्रोक के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और थक्का बनने को बढ़ावा देता है।

              मधुमेह : उच्च रक्त शर्करा का स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।

              उच्च कोलेस्ट्रॉल : एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का ऊंचा स्तर धमनियों में प्लाक के निर्माण में योगदान कर सकता है।

              पारिवारिक इतिहास : स्ट्रोक या हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास आपके जोखिम को बढ़ा सकता है।

              मोटापा : अधिक वजन होने से उच्च रक्तचाप और मधुमेह हो सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा और भी बढ़ जाता है।

              मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों (स्ट्रोक) के उपचार क्या है ?

              • इसके उपचार में टिशू प्लास्मिनोजेन एक्टिवेटर (टीपीए) एक ऐसी दवा है जो लक्षण शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर प्रशासित होने पर रक्त के थक्कों को भंग कर सकती है और रक्त प्रवाह को बहाल कर सकती है।
              • कुछ मामलों में, क्लॉट-पुनर्प्राप्ति उपकरण के साथ कैथेटर का उपयोग करके अवरुद्ध धमनी से क्लॉट को हटाने के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया की जा सकती है।
              • एस्पिरिन, नए थक्कों के गठन को रोकने में मदद करती है।
              • गंभीर मामलों में, अवरुद्ध धमनियों को खोलने और रक्त प्रवाह को बहाल करने के लिए कैरोटिड एंडाटेरेक्टॉमी या स्टेंटिंग के साथ एंजियोप्लास्टी जैसी सर्जिकल प्रक्रियाएं आवश्यक हो सकती है।
              • इन तीव्र उपचारों के अलावा, जोखिम कारकों का प्रबंधन करना और जीवनशैली में बदलाव करना दीर्घकालिक रोकथाम और पुनर्प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। और इसमें शामिल है ;
              • हृदय-स्वस्थ आहार अपनाने, धूम्रपान छोड़ने और नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से भविष्य में स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।
              • स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा बताई गई दवा से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी स्थितियों का प्रबंधन करना।
              • नियमित जांच और आपके समग्र स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी से बार-बार होने वाले स्ट्रोक को रोकने में मदद मिल सकती है।

              यदि आप स्ट्रोक की समस्या से खुद का बचाव करना चाहते है तो इसके लिए आपको न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। क्युकी यहां पर सर्जिकल प्रक्रिया को काफी अच्छे से किया जाता है।

              निष्कर्ष : मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियाँ जो स्ट्रोक का कारण बनती है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। लक्षणों को पहचानने और जोखिम कारकों को समझने से रोकथाम और शीघ्र हस्तक्षेप में मदद मिल सकती है। चिकित्सा उपचार में प्रगति और स्वस्थ जीवन शैली के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, स्ट्रोक के प्रभाव को कम किया जा सकता है, और पुनर्प्राप्ति की राह अधिक बेहतर हो सकती है। यदि आप या आपका कोई परिचित स्ट्रोक के लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो हमेशा याद रखें, समय महत्वपूर्ण है, और शीघ्र चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।

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                पार्किंसंस रोग क्या है जानिए इसके तथ्यों के बारे में ?

                पार्किंसंस रोग, एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार, दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। इस ब्लॉग में, हम इस स्थिति, इसके लक्षणों, कारणों और प्रबंधन के बारे में आवश्यक तथ्यों का पता लगाएंगे ;

                पार्किंसंस रोग क्या है ?

                • पार्किंसंस रोग, जिसे अक्सर पीडी कहा जाता है, एक दीर्घकालिक और प्रगतिशील तंत्रिका संबंधी विकार है जो मुख्य रूप से चलने-फिरने को प्रभावित करता है। यह मस्तिष्क में डोपामाइन-उत्पादक न्यूरॉन्स के अध: पतन की विशेषता है।
                • पार्किंसंस रोग जितना आप सोच सकते है उससे कहीं अधिक आम है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है और किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है। हालाँकि, इसका निदान अक्सर 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में होता है।
                • पार्किंसंस रोग से बचाव के लिए लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का करें चयन।

                पार्किंसंस रोग के लक्षण क्या है : 

                पार्किंसंस रोग के सबसे पहचानने योग्य लक्षणों में कंपकंपी, ब्रैडीकिनेसिया (गति की धीमी गति), मांसपेशियों में कठोरता और मुद्रा संबंधी अस्थिरता शामिल है। पीडी वाले लोगों को अवसाद, नींद की गड़बड़ी और संज्ञानात्मक परिवर्तन जैसे गैर-मोटर लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है। अगर आपको पार्किंसंस रोग के दौरान मांसपेशियों में कठोरता जैसा कुछ लगें तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए। 

                कारण : पार्किंसंस रोग का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसे आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों का संयोजन माना जाता है। कुछ मामले वंशानुगत होते है, जबकि अन्य छिटपुट प्रतीत होते है।

                रोग का पता कैसे लगाए ? 

                पार्किंसंस रोग का निदान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसका कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। न्यूरोलॉजिस्ट आमतौर पर निदान करने के लिए रोगी के चिकित्सा इतिहास और लक्षणों के नैदानिक ​​मूल्यांकन पर भरोसा करते है।

                डोपामाइन की कमी : 

                पीडी मुख्य रूप से डोपामाइन की कमी से जुड़ा है, एक न्यूरोट्रांसमीटर जो आंदोलन और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को विनियमित करने में मदद करता है। जैसे ही डोपामाइन-उत्पादक कोशिकाएं मरती है, मोटर कार्य ख़राब हो जाते है।

                पार्किंसंस रोग का उपचार क्या है ? 

                हालाँकि पार्किंसंस रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कई उपचार इसके लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते है। लेवोडोपा जैसी दवाएं मस्तिष्क में डोपामाइन के स्तर को बढ़ा सकती हैं और मोटर लक्षणों को कम कर सकती हैं।

                डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) : 

                गंभीर मामलों में, डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक विकल्प है। इसमें असामान्य विद्युत संकेतों को विनियमित करने और लक्षणों को कम करने के लिए मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपित करना शामिल है।

                व्यायाम : पार्किंसंस रोग वाले लोगों के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है। यह गतिशीलता, संतुलन और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।

                आहार और पोषण : एक संतुलित आहार भी फर्क ला सकता है। फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क कोशिकाओं की रक्षा करने में मदद कर सकते है। इसके अतिरिक्त, प्रोटीन का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि यह दवा के अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकते है।

                सहायता और शिक्षा : मरीजों और उनके परिवारों को सहायता समूहों और शैक्षिक संसाधनों से लाभ होता है। ये बीमारी की बेहतर समझ प्रदान कर सकते है और भावनात्मक समर्थन प्रदान कर सकते है।

                जीवन की गुणवत्ता : चुनौतियों के बावजूद, पार्किंसंस रोग से पीड़ित कई व्यक्ति संतुष्टिपूर्ण जीवन जीते है। शीघ्र निदान और उचित प्रबंधन से प्रभावित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।

                गैर-मोटर लक्षण : पार्किंसंस रोग केवल चलने-फिरने में होने वाली समस्याओं के बारे में नहीं है। मूड संबंधी विकार, कब्ज और नींद की गड़बड़ी जैसे गैर-मोटर लक्षण दैनिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते है।

                अनुसंधान और आशा : पार्किंसंस रोग को बेहतर ढंग से समझने और नए उपचार विकसित करने के लिए निरंतर अनुसंधान किया जा रहा है। ऐसी आशा है कि भविष्य की सफलताओं से अधिक प्रभावी उपचार या यहां तक कि इलाज भी हो सकता है।

                देखभाल करने वालों की भूमिका : देखभाल करने वाले पीडी वाले व्यक्तियों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। दैनिक कार्यों में उनका समर्पण और सहायता रोगी की भलाई में महत्वपूर्ण अंतर ला सकती है।

                जागरूकता और वकालत : पार्किंसंस रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना शीघ्र पता लगाने और सहायता के लिए आवश्यक है। कई संगठन और फाउंडेशन पीडी के साथ रहने वाले व्यक्तियों की वकालत करने के लिए अथक प्रयास करते है।

                सार्वजनिक धारणा : पार्किंसंस रोग से जुड़े मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है। पीडी से पीड़ित कई लोगों में दृश्यमान लक्षण प्रदर्शित नहीं होते है, और यह स्थिति हमेशा बुढ़ापे से जुड़ी नहीं होती है।

                पार्किंसंस रोग इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

                पार्किंसंस हड्डियों और मांशपेशियों संबंधित समस्या से बचाव के लिए आपको न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

                निष्कर्ष :

                पार्किंसंस रोग एक जटिल स्थिति है जो दुनिया भर में लाखों व्यक्तियों को प्रभावित करती है। हालाँकि वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन चल रहे अनुसंधान और चिकित्सा प्रगति बेहतर उपचार और अंततः इलाज की आशा प्रदान करती है। पार्किंसंस रोग के लक्षणों, कारणों और प्रबंधन को समझना रोगियों, देखभाल करने वालों और जनता के लिए महत्वपूर्ण है। बढ़ती जागरूकता और समर्थन के साथ, पीडी से पीड़ित व्यक्ति पूर्ण जीवन जी सकते है और अधिक दयालु और सूचित समाज में योगदान कर सकते है।

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                  क्या अंतर है एक न्यूरोसर्जन और न्यूरोलॉजिस्ट के बीच ?

                  • लर दुर्घटनाएं जैसे इस्केमिक तथा हेमोरेजिक तथा वेन्स स्ट्रोक्स, न्यूरो इन्फेक्शन, न्यूरोपैथीज, मूवमेंट डिसॉर्डर जैसे पार्किंसंस रोग, अनिद्रा, डेमेंशिया, नर्वस सिस्टम पर असर डालने वाले सिस्टमैटिक डिसॉर्डर, मसल डिसॉर्डर, मिसथिनिया ग्रेविस जैसे न्यूरोमस्कुलर जंक्शन डिसॉर्डर इत्यादि।
                  • न्यूरोलॉजिस्ट को रोगी के रोग को न केवल जानना होता है बल्कि रोग के सारे पुराने पन्नो को भी खोलना होता है, क्यूंकि मस्तिष्क एक बहुत ही काम्प्लेक्स अंग है शरीर का, इसलिए उसके इलाज हेतु न्यूरोलॉजिस्ट को बड़ी बारीकी के साथ चीजों का अध्यन करना होता है, जिसमे कई प्रकार के टेस्ट भी शामिल होते है जैसे कि कैट स्कैन, एमआरआई तथा ईईजी इत्यादि।

                  न्यूरोसर्जन कौन है ?

                  • न्यूरोसर्जन एक चिकित्सक होता है, जो मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, मेरुरज्जु, तंत्रिकाओं, इंट्राक्रैनियल, और इंट्रास्पाइनल वैस्क्युलेचर आदि रोगों का इलाज करते है। न्यूरोसर्जन विशेष रूप से तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी परेशानियों के उपचार के लिए जाने जाते है। इन्हे शल्यकार, शल्य-चिकित्सक, स्नायु-विशेषज्ञ, मस्तिष्क सर्जन, ऑपरेटिंग सर्जन आदि नामो से जाना जाता है।
                  • न्यूरो सर्जन काफी अनुभवी होते है और जब आपको किसी गंभीर समस्या के लिए सर्जरी का चयन करना हो तो आप इनका चयन जरूर से करें।

                  न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन के बीच के अंतर को कैसे समझे ?

                  • न्यूरोलॉजिस्ट्स मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियों के इलाज और डायग्नोसिस के लिए जाने जाते है। ये नर्वस सिस्टम का भी उपचार करते है, जबकि न्यूरोसर्जन कई प्रकार की थेरेपी, ओपन सर्जरी, न्यूरोलॉजिकल कंडीशन के उपचार के लिए जाने जाते है। 
                  • न्यूरोलॉजिस्ट्स न्यूरोलॉजिकल कंडीशन का पता लगाने के लिए एलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम्स और एलेक्ट्रोमोग्राफी जैसे टेस्ट करते है, जबकि न्यूरोसर्जन मस्तिष्क के ट्रामा, स्पाइन, कैंसर, स्ट्रोक्स और एन्यूरिज्म (aneurysms), और कई प्रकार की स्पाइन, मस्तिष्क और स्कल बेस एरिया के उपचार के लिए जाने जाते है।
                  • न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोडेवेलपमेंटल डिसऑर्डर्स और सेरिब्रल पाल्सी को संभालने, क्रोनिक कंडीशन को समझने तथा सही उपचार के लिए भी होते है, न्यूरोसर्जन भी कभी-कभी कुछ ऐसे उपचार करते है।
                  • वहीं एक बेहतरीन न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन दोनों को नर्वस सिस्टम की अच्छी जानकारी होना आवश्यक है।

                  एक न्यूरॉसर्जन का चयन कब किया जाता है ?

                  • कतरन की समस्या होने पर।  
                  • इंडोवैस्कुलर रिपेयर के लिए। 
                  • डिस्क को हटाने के लिए।  
                  • क्रानिओटोमी के लिए।   
                  • लम्बर पंक्चर होने की स्थिति पर।   
                  • अनुरिस्म रिपेयर होने पर। 

                  यदि उपरोक्त में से किसी भी हिस्से की सर्जरी करवाने के बारे में आप सोच रहें है, तो इसके लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए।

                  एक न्यूरोलॉजिस्ट का चयन कब किया जाता है ?

                  • जब आपको सर्जरी का सहारा न लेना हो तब आप न्यूरोलॉजिस्ट का चयन कर सकते है।
                  • लगातार चक्कर आने की स्थिति में। 
                  • संवेदनाओं या भावनाओं में बदलाव आने की स्थिति में।
                  • संतुलन के साथ कठिनाइयां आने पर। 
                  • सिर में दर्द की समस्या होने पर।
                  • भावनात्मक भ्रम होने पर।
                  • मांसपेशियों में थकान महसूस होने पर आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए। 
                  • पूरे सिर में भारीपन का लगातार अहसास होने पर।

                  प्रशिक्षण और शैक्षिक योगिताए क्या है न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन की !

                  • एक न्यूरोलॉजिस्ट और एक न्यूरोसर्जन के बीच के अंतर को समझने के लिए, प्रत्येक क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने के लिए आवश्यक डिग्री और विशेषज्ञता में अंतर को समझना सबसे पहले आवश्यक है। 
                  • न्यूरोलॉजिस्ट बनने के लिए चार साल के प्री-मेडिकल स्कूल की आवश्यकता होती है, इसके बाद न्यूरोलॉजी में मेडिकल डिग्री और मूवमेंट, स्ट्रोक आदि में अतिरिक्त प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। 
                  • वहीं न्यूरोसर्जन बनने का शैक्षिक मार्ग अधिक विस्तृत है, जिसके लिए चार साल के प्री-मेडिकल स्कूल और चार साल के मेडिकल स्कूल की आवश्यकता होती है। आवेदक को अधिक विस्तारित गृह निवास पूरा करना होगा। अन्य बातों के अलावा, न्यूरोसर्जन को यह सीखना चाहिए कि रीढ़ और परिधीय नसों पर कैसे काम करना है।

                  किस बीमारी का इलाज इनके द्वारा किया जाता है ?

                  • न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन में अंतर करते समय समझने का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्रत्येक विशेषज्ञ द्वारा संभाली जाने वाली स्थितियां है। न्यूरोलॉजिस्ट मिर्गी, अल्जाइमर रोग, परिधीय तंत्रिका विकार और एएलएस जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों के इलाज में रुचि रखते है।
                  • दूसरी ओर, न्यूरोसर्जन मस्तिष्क की चोटों, ट्यूमर को हटाने और कार्पल टनल सिंड्रोम से निपटते है। दोनों चिकित्सक अपने रोगियों के उचित इलाज के लिए मिलकर काम करते है, आवश्यकतानुसार चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं को एकीकृत करते है।
                  • चिकित्सकों के इन दो समूहों और उनके द्वारा संभाली जाने वाली बीमारियों में कुछ समानताएँ है। जैसे जब सर्जरी की आवश्यकता होती है, तो न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर मरीज का सहयोग करते है, उदाहरण के लिए, एक न्यूरोलॉजिस्ट एक मरीज को सर्जरी के लिए एक न्यूरोसर्जन के पास भेजते है।

                  ध्यान रखें :

                  सामान्य दिमागी समस्या होने पर आपको समय रहते बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए। 

                  सुझाव :

                  अगर आप दिमागी चोट और साथ ही दिमागी दौरे की समस्या से काफी परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको समय रहते न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें की आपको अपनी समस्या के लिए किस तरह के डॉक्टर का चयन करना चाहिए, इसके बारे में आपको इस लेख के माध्यम से जरूर पता चलेगा।

                  निष्कर्ष :

                  उम्मीद करते है की आपने जान लिया होगा की आखिर न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन के बीच क्या अंतर है और साथ ही किस समस्या के लिए हमे किनका चयन करना चाहिए ये भी। इसके अलावा अगर आप अपनी बीमारी के लिए इनमे से किसी का भी चयन करें तो इस बात का जरूर ध्यान दें की आपके सर्जन की शिक्षा उसके ओहदे के हिसाब से है या नहीं।

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                    Cervicogenic Headache: Symptoms, Causes, and Treatments

                    A cervicogenic headache is defined by neck pain that radiates to the brain. It is a kind of headache brought on by another disease, such as an infection or a neck injury.

                    Cervicogenic headaches are often confused for tension and migraine headaches, both of which can result in neck pain. This makes them distinct from main headaches like migraine and cluster headaches.

                    If you experience this problem, you should seek advice from a medical professional at a reputable Neuro Hospital in Ludhiana to manage the situation more effectively.

                    We go through just a few cervicogenic headache symptoms, causes, and treatments in this article.

                    Symptoms

                    One indication of CH is pain that occurs when your neck moves suddenly. Another is that having your neck in the same posture for an extended time might cause head pain.

                    Other indications could be:

                    • One side of your head or face may be in pain.
                    • steady yet non-throbbing ache
                    • When you breathe deeply or cough, your head may hurt.
                    • a pain attack that may last for several hours or days
                    • You cannot move your neck normally if it is stiff.
                    • Pain that is confined to one area, such as the side, back, or front of your head or an eye

                    Despite the differences between CH and migraines, some symptoms may be comparable. You could, for instance:

                    • Feel sick to your stomach
                    • Tough choice
                    • Having shoulder or arm pain
                    • Feel sick or uneasy under bright light
                    • Feel sick or uneasy with loud noise
                    • Have blurry vision
                    • Some people feel both CH and a migraine simultaneously. It can be challenging to see the truth in this situation.

                    Causes

                    Cervicogenic headaches can be brought on by a variety of factors, and sometimes it’s impossible to identify the exact cause.

                    CH can occur from long-term issues with your neck’s vertebral column, joints, or neck muscles. For instance, the way some people hold their heads while working, such as hair stylists, carpenters, and truck drivers, might cause CH.

                    People who raise their heads out in front of their bodies occasionally get CH. “Forward head motion” is what that is, and it strains your neck and upper back.

                    It can also come from a sports injury, whiplash, arthritis, or a tumble. Alternatively, your neck’s nerves could be compressed (squeezed).

                    Cervicogenic headaches can also occur from a tumor or a fracture (minor break) in your neck or upper spine.

                    Treatment

                    There are different methods to reduce or alleviate the pain that comes with cervicogenic headaches:

                    Medication: Non-steroidal anti-inflammatories, muscle relaxants, and other pain medications, such as aspirin or ibuprofen, may help to reduce the pain.

                    Nerve block: This may provide short-term pain relief and improve your ability to benefit from physical therapy.

                    Physical therapy: Stretching and exercise are helpful in physical therapy. Consult a Neurologist in Ludhiana to decide the best and safest form of exercise for you.

                    Spinal manipulation: This combines joint movement, physical treatment, and massage. Only a physical therapist, a chiropractor, or an osteopath should perform it (a doctor who has special training in the way your nerves, bones, and muscles work together).

                    Other options:  Acupuncture and relaxation techniques like deep breathing or yoga are 

                    examples of non-surgical treatments to manage the discomfort.

                    Surgery: Despite the rarity, if your CH discomfort is extreme, the Best neurosurgeon in Ludhiana can suggest a treatment to avoid pinching your nerves.

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