क्या है ब्रेन फॉग के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके ?

आज के समय में इंसान कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त नज़र आता है, खासकर जो बीमारियां हमारे दिमाग से रिलेटेड होती है, वहीं दिमाग से जुडी बीमारियां आगे जाकर गंभीर रूप ले सकती है, ऐसे में हमें दिमाग संबंधी विकार या बीमारी के बारे में पहले से पता होना बहुत ज्यादा जरूरी है, तो चलिए जानते है दिमाग से संबंधित बीमारियां या ब्रेन फॉग क्या है, इसके लक्षण क्या होते है, और आगे चल के इससे क्या समस्या हो सकती है और इसका निदान क्या है, तो चलिए हम आपको इन सब से संबंधित बातों के बारे में आपको बताते है ;

क्या है ब्रेन फॉग ?

  • यह एक मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त शक्ति कमजोर हो जाती है। व्यक्ति को कुछ भी स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता उसे खुद के आगे धुंधला सा दिखाई देता है। 
  • वह कुछ भी सोचने और समझने के काबिल नहीं हो पाता। इसके कई मामलों में तो व्यक्ति बोलता क्या है और करता क्या है, उसे खुद पता नहीं होता है। अगर शुरुआत में ही इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। 
  • कुछ विशेषज्ञ का कहना है कि इस बीमारी में व्यक्ति हमेशा उलझन में रहता है। साथ ही खुद को अकेला और अव्यवस्थित समझता है।

दिमाग की इस तरह की समस्या के बारे में जानने के लिए आपको लुधियाना में न्यूरोलॉजिस्ट के सम्पर्क में आना चाहिए।

ब्रेन फॉग से कौन-कौन सी समस्याए होती है ?

  • इस स्थिति में दिमाग संबंधी परेशानी जैसे याददाश्त कम होना, ध्यान न लगना, समझने में दिक्कत का सामना करना, मानसिक स्पष्टता की कमी।
  • कमजोर एकाग्रता और कई तरह की समस्या हो सकती है। 
  • इसके कारण कई बार व्यक्ति को मानसिक थकान का भी सामना करना पड़ सकता है। 

ब्रेन फॉग के दौरान कौन-से लक्षण नज़र आते है ?

  • इसमें व्यक्ति के याददाश्त कमजोर होने के लक्षण नज़र आते है। 
  • सोचने की शक्ति ख़राब हो जाती है। 
  • किसी भी चीज की तरफ एकाग्रता को बनाए रखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 
  • घबराना और विचलित होना भी इसी के लक्षणों में शामिल है। 
  • विटामिन बी-12 की कमी। 
  • दवाओं के गलत प्रभाव। 

ब्रेन फॉग के लक्षण ज्यादा गंभीर होने पर लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन से सलाह लें।

ब्रेन फॉग से बचाव के तरीके क्या है ?

इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है। जब भी ब्रेन फॉग के लक्षण नजर आए, तो डॉक्टर से मिलें। जबकि ब्रेन फॉग से बचने के लिए तनाव से दूर रहें। अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। नियमित और संतुलित आहार लें। रोजाना एक्सरसाइज करें। सोशल एक्टिविटी पर क्या चल रहा है उस पर पूरा ध्यान दें।

ब्रेन फॉग के कारण क्या है ?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ब्रेन फॉग का मुख्य कारण तनाव है। तनाव से उच्च रक्तचाप बढ़ता है। उच्च रक्तचाप से स्मरण शक्ति कमजोर होती है। साथ ही थकान महसूस होती है। इस स्थिति में मानसिक संतुलन कई दफा बिगड़ जाता है। और कई मौके पर व्यक्ति की जुबान भी लड़खड़ाने लगती है।

सुझाव :

दिमाग जोकि मानव शरीर का बहुत ही कीमती तौफा है इसलिए जरूरी है की इसमें सामान्य से भी दोष नज़र आए तो जल्द डॉक्टर का चयन करें।

ब्रेन फॉग के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल :

आप अगर दिमागी तौर से काफी परेशान है तो इससे बचाव व इलाज के लिए आपको न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

दिमाग जोकि बहुत ही कीमती तौफा है व्यक्ति के सम्पूर्ण शरीर का इसलिए जरूरी है की इसमें किसी भी तरह की अगर परेशानी नज़र आए तो इससे बचाव के लिए आपको डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

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    क्या आपने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया है जहां आपको किसी विचार को संसाधित करने में कठिनाई होती है या अस्पष्ट सोच का आपको सामना करना पड़ता है, तो समझ लें की आपको ब्रेन फॉग जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं ब्रेन फॉग एक चिकित्सीय स्थिति नहीं है, बल्कि लक्षणों का एक समूह है जहां व्यक्ति को सोचने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, एक विचार पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता होती है, और अपने विचारों से उचित वाक्य बनाने में असमर्थता का सामना करना पड़ता है, तो इससे बचाव के लिए आपको लेख के साथ अंत तक बने रहना है ;

    ब्रेन फॉग क्या है ?

    • ब्रेन फॉग की बात करें तो ये एक चिकित्सा स्थिति नहीं है, बल्कि संज्ञानात्मक शिथिलता से जुड़े लक्षणों का एक समूह है, जहां एक व्यक्ति की याददाश्त तेज नहीं होती है या उसमें फोकस की कमी होती है। ब्रेन फॉग वाले व्यक्ति को विचारों को संसाधित करने, किसी भी स्मृति को याद करने, ध्यान केंद्रित करने या ध्यान देने में कठिनाई, मानसिक थकान आदि जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
    • हालांकि इस समस्या को गंभीर नहीं कहा जा सकता लेकिन हां ये समस्या आए दिन बहुत आम होती जा रही है, इसके अलावा मस्तिष्क कोहरे से व्यक्ति की बुद्धि खराब नहीं होती है, न ही यह बिगड़ती है, लेकिन व्यक्ति को नियमित काम करने में कठिनाई हो सकती है और वह अवसाद और कम आत्म-सम्मान से पीड़ित हो सकता है। 

    ब्रेन फॉग के कारण क्या है ?

    ब्रेन फॉग के कई कारण हो सकते है, जिसके बारे में हम चर्चा करेंगे जिसको जानने के बाद आप काफी हद्द तक इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है, तो कारणों की बात हम निम्न में करेंगे ;

    • वहीं आज के समय की बात करें तो 80 प्रतिशत लोग स्ट्रेस में रहते है। और वह स्ट्रेस किसी भी कारण हो सकता है, जो की सीधे आपके दिमाग पर इफेक्ट डालता है। जिससे आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जो कि कई बार डिप्रेशन या क्रॉनिक स्ट्रेस तक पहुंत जाता है। जोकि कई मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते है जिसको हम ब्रेन फॉग के कारण में शामिल कर सकते है।
    • विटामिन बी-12 दिमाग के लिए आवश्यक है। इसकी कमी भूलने की समस्या को बढ़ा सकता है। ब्रेन फंक्‍शन को सही तरीके से चलाने के लिए विटामिन-ई और विटामिन-सी भी आवश्यक है। इसके अलावा अंडे, मछली, आटा, मेवा, सोया मिल्क या किसी अन्य खाद्य पदार्थ से एलर्जी के कारण भी ब्रेन फॉग की समस्‍या हो सकती है।
    • ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि आपको केवल खराब डाइट या फिर स्ट्रेस के कारण ही ब्रेन फॉग की समस्या होती है, बल्कि ये समस्या डिप्रेशन, नीमिया, डायबिटीज, माइग्रेन, अल्जाइमर, कैंसर ट्रिटमेंट आदि के कारण भी हो सकता है।

    इसके कारणों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।

    ब्रेन फॉग के दौरान लक्षणों का कैसे पता लगाए ?

    • एकाग्रता में कमी का आना। 
    • स्मृति हानि की समस्या। 
    • धुंधला या फीका विचार। 
    • अत्यधिक थकान और नींद का महसूस होना। 
    • खुद को निराश महसूस करना। 
    • कम आत्म सम्मान। 
    • स्कूल और काम पर खराब प्रदर्शन। 
    • शब्दों का उपयोग करके वाक्य बनाने में असमर्थता का सामना करना। 
    • एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित न कर पाना। 
    • किसी योजना को करने में, किसी समस्या का समाधान करने या सामग्री को व्यवस्थित करने में असमर्थ होना।

    अगर आप ब्रेन फॉग की समस्या का सामना दिमाग में चोट लगने के कारण कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए।

    ब्रेन फॉग से इलाज व बचाव के क्या तरीके है ?

    ब्रेन फॉग से बचाव करने में काफी समय लग सकता है, क्युकी ये कही न कही हमारे दिमाग के लिए खतरनाक है इसलिए जरूरी है की अगर आपके दिमाग में सामान्य सी भी समस्या आ जाए तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द अनुभवी डॉक्टर के सम्पर्क में आना चाहिए, वहीं इस समस्या से बचाव के लिए हमे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में हम निम्न में चर्चा करेंगे ;   

    • जैसे आप ब्रेन फॉग की समस्या से निजात पाना चाहते है, तो इसके लिए आपको पर्याप्त नींद लेना चाहिए, क्युकी नींद हमारे दिमाग को शांत करती है और थकावट से भी हमारे दिमाग की रक्षा करती है।
    • इस समस्या से बचाव के लिए आपको जितना हो सके तनाव कम करना चाहिए। 
    • शराब, सिगरेट और अत्यधिक मात्रा में कैफीन के सेवन से खुद का बचाव करें ।
    • निम्न रक्त हीमोग्लोबिन स्तर (एनीमिया) से पीड़ित व्यक्ति के लिए, एनीमिया के इलाज के लिए दवा और पूरक आहार लेना महत्वपूर्ण है। आयरन की बढ़ी हुई खुराक लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में मदद कर सकती है, जो आपके मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करती है।
    • नियमित व्यायाम करने से रक्त परिसंचरण में सुधार हो सकता है, रक्तचाप सामान्य हो सकता है, आप सक्रिय हो सकते है और मस्तिष्क के कार्य में सुधार हो सकता है। मोटापा भी ब्रेन फॉग पैदा करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसलिए मोटापे को कम करें।
    • अपने शौक को न छोड़े, समाजीकरण करने या पहेली सुलझाने जैसे खेल खेलने आदि में आनंद लें, क्योंकि यह तनाव को कम करने और एकाग्रता में सुधार करने में आपकी मदद करते है।
    • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए आहार में सुधार या स्वस्थ भोजन करना आवश्यक है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैलोरी, विटामिन आदि से भरपूर खाद्य पदार्थ याददाश्त को तेज करने में मदद कर सकते है। इसलिए नियमित रूप से फल, सब्जियां, अंडे, दूध, वसा खाने से मस्तिष्क कोहरे के इलाज के लिए पर्याप्त खनिज मिल सकती है। वहीं डिहाइड्रेशन को ठीक करने के लिए खूब पानी या तरल पदार्थ का सेवन करें। 

    ध्यान देने योग्य बात !

    अगर आप ब्रेन फॉग जैसी गंभीर समस्या का सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए और ध्यान रहें लक्षण सामान्य से भी नज़र आने पर आपको इसके इलाज के लिए डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए।

    निष्कर्ष :

    दिमागी फॉग की समस्या को कृपया नज़अंदाज़ न करें क्युकी हमारा समस्त शरीर दिमाग के इशारे पर ही काम करता है, इसलिए जरूरी है की दिमाग हमारा सुचारु रूप से चलता रहें। वहीं दिमागी समस्या के इलाज के लिए किसी भी तरह के उपाय को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

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      दिमाग में फैल चुका है खून, तो जानिए कैसे करें, इस खतरे से खुद का बचाव ?

      हमारे शरीर में हृदय शरीर के अन्य हिस्सों तक रक्त पहुंचाने वाली नलियों का कार्य धमनियां करती है, वहीं जब इस धमनी की दिवार कमजोर हो जाती है तो ये गुब्बारे का आकार लें लेती है, वहीं कई बार तो ये धमनियां फूट जाती है जिसका असर हमारे दिमाग पर पड़ता है, ऐसा इसलिए क्युकी जब धमियां टूटती है तो वहां से निकलने वाला रक्त हमारे सम्पूर्ण दिमाग में फैल जाता है, जिसका असर जानलेवा भी होता है, तो चलिए इस लेख के माद्यम से जानते है की इसका हमारे दिमाग में कैसा असर पड़ता है ;

      क्या है मस्तिष्क एन्यरिज्म ?

      • एन्यूरिज्म एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जो तब होती है जब रक्त वाहिका/धमनी का एक हिस्सा गुब्बारे की तरह फूल जाता है। यह या तो रक्त वाहिका के क्षतिग्रस्त होने या रक्त वाहिकाओं की दीवारों में कमजोरी के कारण हो सकता है। 
      • वहीं यह सभी आयु वर्ग के रोगियों में पाया जाता है, एन्यूरिज्म शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन ये समस्या ज्यादातर मस्तिष्क के हिस्से को प्रभावित करता है।
      • एन्यूरिज्म एक दिमागी समस्या है, जिसके इलाज के बारे में सलाह लेने के लिए आप लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन कर सकते है।

      एन्यूरिज्म के कारण क्या है ?

      • एन्यूरिज्म होने का कोई निश्चित कारण तो नहीं है। हालाँकि, ऐसे कई चिकित्सीय कारण और वंशानुगत कारक है, जो किसी व्यक्ति को इस घातक स्थिति के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील बनाते है। 
      • अध्ययनों के अनुसार, उच्च रक्तचाप , संक्रमित धमनी की दीवारों (माइकोटिक एन्यूरिज्म), स्ट्रोक और नशीली दवाओं के दुरुपयोग सहित पिछले आघात और ट्यूमर से प्रभावित लोगों में मस्तिष्क धमनीविस्फार का अनुभव होने की अधिक संभावना होती है। 
      • इसके अलावा, जिन रोगियों के परिवार में मस्तिष्क धमनीविस्फार का इतिहास है और जो लोग लगातार धूम्रपान करते है, उनमें धमनीविस्फार होने की संभावना अधिक होती है।

      मस्तिष्क एन्यूरिज्म के लक्षण क्या है ?

      • एन्यूरिज्म को मूक हत्यारों के रूप में जाना जाता है, जो बहुत कम या कोई लक्षण नहीं दिखाते है। वे आकार, विकास दर और स्थान के आधार पर भिन्न होते है। कुछ प्रमुख लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, मतली और उल्टी, चेतना की हानि, दौरे, धुंधली दृष्टि और चेहरे का सुन्न होना इसमें शामिल है।
      • इसके लक्षणों पर ध्यान देते रहें और स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन के पास जाए।

      क्यों बहता है दिमाग से खून ?

      • हाई ब्लड प्रेशर, दिमाग में चोट या पारिवारिक इतिहास के कारण इस तरह की समस्या का सामना व्यक्ति को करना पड़ सकता है।
      • जब हमारे द्वारा दिमाग पर बहुत ज्यादा लोड दिया जाता है, तब भी हमें इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

      एन्यरिज्म का इलाज क्या है ?

      • परंपरागत रूप से, मस्तिष्क धमनीविस्फार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपचार की एक सर्जरी है, क्योंकि रोगियों का निदान उनके सबसे महत्वपूर्ण चरण में किया जाता था, जिससे किसी भी प्रकार के चिकित्सा उपचार के लिए कोई जगह नहीं बचती थी। वर्तमान में, 2 विकल्प उपलब्ध है। इन्हें सर्जिकल क्लिपिंग या एंडोवास्कुलर कॉइलिंग कहा जाता है। 
      • पूर्व में एन्यूरिज्म की गर्दन की क्लिपिंग को संदर्भित किया जाता है, जबकि बाद में, मस्तिष्क में स्थित एन्यूरिज्म तक पहुंचने के लिए एक कैथेटर का उपयोग किया जाता है।
      • वहीं इस तरह की समस्या का इलाज आप न्यूरो सिटी हॉस्पिटल से भी करवा सकते हो, बस इसके लिए आपको ये जानने की जरूरत है की आपको इस तरह की समस्या है या नहीं और ये समस्या आप तभी जान सकते है जब आपको इसके लक्षणों के बारे में पता होगा।

      सुझाव :

      दिमाग के बिना हमारा शरीर सही ढंग से कार्य करने में असमर्थ होता है इसलिए जरूरी है की इसमें अगर किसी भी तरह की समस्या आ जाए, तो इससे बचाव के लिए आपको अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

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        दिमाग की कमजोर नसों ने सिर दर्द को दिया बढ़ावा, जानें इसके लक्षण और बचाव !

        दिमाग की नसें जब कमजोर हो जाती है, तो लाजमी सी बात है कि उनमे तेज दर्द होना शुरू हो जाता है। यदि आपके सिर में भी तेज दर्द है, तो कहीं आप भी तो नहीं दिमाग की कमजोर नसों से ग्रस्त है और अगर है, तो आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, क्युकि आज के आर्टिकल में हम इसी के बारे में बात करेंगे कि इस समस्या से निजात पाने के लिए कौन से उपाय है लाभकारी ;

        दिमाग की नसें क्यों कमजोर होती है ?

        ये क्यों कमजोर होती है इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

        • इंसान का दिमाग तमाम नसों से जुड़ा हुआ होता है और इसमें आने वाली थोड़ी सी भी गड़बड़ी पूरे शरीर के कामकाज को प्रभावित कर सकता है।
        • कई बार ऐसा होता है कि हमारे शरीर के अंदर कुछ नसों में कमजोरी आ जाती है। जिसके कारण हमारा पूरा शरीर परेशान होता हैं। ऐसे ही जब हमारे दिमाग की नसों में कमजोरी होती है. तो यह नसों से जुड़ी हुई गड़बड़ी साबित होती है, जिसकी वजह से तेज सिर दर्द की समस्या हो सकती है।
        • इसके अलावा दिमाग की नसों की कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे चोट लगना, शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी का होना, इन्फेक्शन और नसों पर दबाव पड़ना आदि।

        दिमाग की कमजोर नसों के लक्षण क्या है ?

        नसों की कमजोरी के लक्षणों को जानना जरूरी है तभी जाकर हम इस समस्या से निजात पा सकते है ;

        • मांसपेशियों की कमजोरी नसों की कमजोरी का ही एक लक्षण है।
        • अचानक से सिरदर्द या लगातार सिरदर्द होना दिमाग की नसों की कमजोरी के लक्षण मानें जाते हैं।
        • दिमाग की नसें जब कमजोर होती है तो शरीर में झुनझुनी महसूस होने लगती है।
        • नसों की कमजोरी के कारण पीठ दर्द व शरीर के और अंगो में भी दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।
        • झटके या दौरे का पड़ना आदि।

        दिमाग की कमजोर नसों के लक्षणों को जानने के बाद बिना समय गवाए बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना के संपर्क में आए।

        दिमाग की कमजोर नसों का कैसे करे बचाव ?

         दिमाग की नसों को मजबूत करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है आपको, बस इसमें करना ये है कि आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना है, जैसे ;

        • बता दे कि आप अपनी दिमाग की नसों को स्वस्थ रखने के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लेते है तो आपकी दिमाग की नसें मजबूत होती है।
        • तो वही अगर आप मासाहारी हैं, तो मांस, मछली, अंडे, व कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थ खाएं।
        • इसके अलावा विटामिन बी-12 की कमी से बचें। और अगर आप शाकाहारी हैं, तो फाइबर वाले फूड्स (ब्रोकली, छोले, सोयाबीन आदि ) का सेवन करें साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करें।
        • इसके अलावा दिमाग की नसों को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान और शराब से बिल्कुल दूरी बना ले।

        सुझाव :

        दिमाग की नसें क्यों कमजोर होती है इस बारे में तो हमने आपको बता दिया है। पर दिमाग की नसों को मजबूत करने के उपायों को प्रयोग में लाने से पहले न्यूरो सीटी हॉस्पिटल के डॉक्टर से जरूर सलाह ले।

        निष्कर्ष :

        उपाय कोई भी अपनाए चाहे वो घरेलू हो या डॉक्टरी, इसको आजमाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले। ताकि बाद में चल के दवाई या फिर किसी भी तरह के उपायों का आपके शरीर पर गलत असर न पड़े।

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          How much time does it take to recover from brain surgery?

          Recovery following brain surgery

          Brain surgery is an important operation for overall well-being. Additionally, recovery from the surgery takes around 4 to 8 weeks to get back to a normal working state. When you visit the best Neuro Hospital in Ludhiana, the doctor will provide you with timely assistance to help the overall situation get to normal. No doubt the incisions are sore for a few days, so it’s important to take the right care for the given period.

          What happens after brain surgery?

          Your Neurologist in Ludhiana will check your condition and see whether it’s okay for you to wake or rest for a certain period. Before the surgery, the neurologist will discuss all the appropriate care plans you need to know. So, following post-operative care is essential. Additionally, arranging everything correctly will make things much better and more manageable.

          Do you know?

          The choice of omega 3 capsules supplements is known to positively impact brain health. But, before you do the same, it’s essential to consult the doctor as soon as he can tell you better which supplements are best for your well-being.

          Tips for Post care of brain surgery and better recovery

          After treating brain surgery, seeking the right care plan is important to ease the situation effectively. Regular neurological observations will be performed to see how the patient’s health is improving. After the surgery, the nurse checks your:

          • Heartbeat
          • Blood pressure
          • Pulse rating

          Depending on what type of stitches are suggested, the doctor will ask you to get it removed, or it will dissolve on its own.

          How to take care of the surgical drain after the brain surgery?

          Brain surgery requires several tubes. After the surgery, taking the right measures and handling the situation effectively is important. The different tubes used for brain surgery recovery are:

          • Oxygen

          After the brain surgery, it’s normal to give aid through some extra oxygen to keep the body balanced.

          • Drips

          After the surgery, the patient cannot have meals and drinks. Therefore, drips are required for different food, medicine, fluid, and other things.

          • Urinary catheter

          The urinary catheter allows one to check the urine amount. It even indicates the patient body is producing enough fluid, that’s a sign of smooth recovery.

          • Nasogastric tube

          The tube is taped to the cheek and nose, which is effective against the sickness.

          • Artery tube

          The artery tube helps to take out the blood samples and ensure the blood pressure level is stable in the body.

          • Intracranial pressure

          The ICP monitor is attached to the head to see the head pressure from inside. The surgeon removes the tube after 2 days.

          Final word

          Brain surgery is complex, but the results are effective when everything is handled with care, and you get the doctor’s supervision.

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            Different Types Of Head Injuries And Their Neurological Treatment

            An external force is a key point in creating any physical trauma, injury, or damage. Injuries can occur at any point in your life, either by accidents, hits, weapons, or any other reasons.

            What Is Head Injury?

            A head injury is basically something that affects the skull, scalp, or brain. The cause of head injury varies from a minor head bump on the skull to a significant brain injury.

            The Neurologist in Ludhiana will analyze the depth of any head injury based on how hard you hit your head. The impact of the injury decides the effect on your brain. Some primary head injuries include skull fractures, concussions, and even scalp wounds. On the basis of the cause and the severity of the head injury, the doctor would suggest the best Brain Injury Treatment in Ludhiana.

            Closed Or Open Head Injury

            There are also injuries that do not break the skull. They are denoted as closed head injuries. And in case it breaks your skull and damages your brain or skull, then the doctors in the Neuro Hospital in Punjab term it an open or penetrating head injury.

            Shakes And Blow Head Injury

            Head injuries that we associate with blows are generally related to motor vehicle accidents, physical assaults, falls, activity-related accidents, and sports. However, you must also know that most of the time, your skull is going to protect your brain from any kind of harm.

            What Are The Different Types Of Head Injury?

            These are some of the most common types of head injury that can cause serious problems for you neurologically.

            But do not worry; we have all the proper treatment for you to overcome the issues under the guidance of a skilled neurologist.

            • Hemorrhage

            Hemorrhage is basically an unrestrained bleeding condition. In such circumstances, we will notice a lot of bleeding around our brains. It is also known as subarachnoid hemorrhage. People also denote the bleeding inside your brain tissue as intracerebral hemorrhage.

            • Concussion

            In case we notice any kind of head injury and the impact of the damage is very serious in the head, then there is a good chance of suffering from concussions. The good news is that the hammering of function connected with the concussion is only temporary. However, you must be cautious as repeated concussions can lead to permanent damage, and you would not want that.

            • Edema

            You can suffer from edema from any kind of brain injury. The head injury can cause swelling in the surrounding tissues of the head, and it becomes more severe when it happens in your brain. Your skull will not be able to stretch to accommodate the bulge, which will initially lead up to the pressure in your brain hence making your brain press against your skull.

            • Skull fracture

            Did you know that your skull does not have any bone marrow in them? This is why it makes the skull extremely hard and tough to break. And a fractured skull will not be able to take the hit of a blow that will harm your brain.

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              Concussion injuries in children: Don’t ignore temporary brain injury

              Concussion injuries in children

              Sometimes there’s an unwanted bump on the head that doesn’t often need medical care. But at times, the head injury can occur due to a significant impact that requires proper medical care. And this is the state where head injury needs utmost attention. Especially when it’s concussion injuries in children, if that’s the case, then make sure to visit one of the best Hospital in Ludhiana to handle everything with utmost ease and care.

              Concussion: Temporary brain injury

              Concussion means temporary brain injury due to a bump or jolt that increases the chances of posing a more significant effect on a child’s brain function. Even though the condition is temporary, you should not neglect and consult one of the best Paediatric Neurologist in Punjab. Concussion effects do not last long, but the condition can last for around 4 to 6 weeks. Sometimes, there might be a need for emergency care to handle the long-lasting effects.

              Concussion injury requires the best care

              A concussion can happen when a blow to the head or injury can affect the local part of the brain that’s not even seen effectively through MRI and CT scans. In the case of children, the chances of causing concussion injury are higher. The electrical wires cannot transmit everything effectively to the different brain parts.

              Possible signs and symptoms of concussion

              The chances of causing concussion injury to pose several signs and symptoms. You need to be careful when consulting a neurologist; otherwise, the condition can worsen over time. The concussion injury is challenging to diagnose in small babies, so getting the best possible care is important. The possible signs and symptoms of concussion are:

              • Persistent headache
              • Being clumsy or wobbly
              • Dizziness
              • Vomiting and nausea
              • Visual disturbance or blurred vision
              • Children become confused or notice unwanted changes in behavior

              So, these symptoms should be analyzed on time; otherwise, they can worsen.

              Treatment of concussion

              Concussion treatment and management are essential. The prime part of the entire care is to follow the REST approach, which means giving the body and brain proper rest. The right care means taking rest for 4 to 6 weeks and don’t be part in any kind of strenuous activity; otherwise, the entire functioning can impact greatly. Additionally, the child should be properly hydrated from time to time. Additionally:

              • Avoid the screen time otherwise; it can aggravate the symptoms
              • Don’t try to force anything

              The doctor will ask you to get brain imaging to see if the symptoms have become worse over time. There’s a possibility of symptoms getting better within a few days or weeks. But don’t wait to consult a medical expert; otherwise, the condition can be worse.

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                How does traumatic brain injury affect the overall well-being?

                Traumatic Brain Injury

                The brain working is complex, and everything is connected. Additionally, a traumatic injury can have highly problematic effects on the body. With TBI, you need prompt care from one of the Best Neuro Hospital in Punjab. It’s all about knowing the desired effect, be it mild or severe. With this condition, the individual’s brain and bodily function are highly affected.

                Symptoms of Traumatic Brain Injury

                The symptoms of TBI vary from person to person. It means how severe you had the injury leads to physical, sensory, and cognitive issues; everything can make the situation problematic. In all these conditions, various symptoms can occur which you should not avoid at any cost:

                Headache, fatigue, finger & toes numbness and weakness, seizures, fatigue, coordination loss, consciousness, blurred vision, light sensitivity, coma, unusual behavior, and inability to wake from sleep. Knowing about the long-term side-effects of TBI is essential as the situation can be more troublesome. If you notice spine-related problems, do not delay and consult the Neuro Spine Doctor in Ludhiana  for a personalized treatment plan.

                 

                Long-term side effects of TBI

                As TBI increases the chances of long-term disability, you must be careful on all possible levels. Here are some of the most common long-term side effects of TBI:

                • Loss of employability

                With TBI, you need time to get to work regime or school life, which leads to a financial crisis. It’s like one thing can affect other situations negatively. Therefore, you need to be careful on all possible levels. The given state can affect functional health.

                • Loss of mobility

                The loss of ability can make driving, walking, or freely challenging, affecting brain injury. Therefore, it can result in permanent losses. The problem with motor skills can make it challenging to carry objects and clothes. So, make sure to avoid falls.

                • Basic functions have problem

                Problem with using utensils, swallowing, or difficulty with facial expressions. These struggle with held relationships and might create relationship problems in terms of family, friends, and romantic partners. Additionally, it can degrade the situation at all possible levels.

                The TBI’s long-term side effects can be adverse to life. The situation can be handled with the best possible treatment so the problem doesn’t worsen. You need to consult the neurologist for the proper treatment, therapy, and support.

                Seek on-time assistance for better results

                Proper care and treatment are possible ways of improving the overall quality of life. Therefore, knowing about everything is what leads to overall better health. Most importantly, the long-term side effects are managed on time as it’s pretty evident that traumatic brain injury increases the chances of having a permanent disability. Therefore, you should make a prompt decision. If you are looking for neurological care, schedule an initial consultation at Neurociti Hospital to properly manage the situation. If there’s any doubt on your mind then you should talk to the neurologist about the same.

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