जानें मिर्गी (Epilepsy – Seizure) के दौरे को रोकने में कैसे मददगार है इसके सहायक उपचार ?

 मिर्गी क्या हैं ?

 मिर्गी को हम केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित एक विकार कहते है, जिसकी स्थिति में मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिका की गतिविधि बाधित होती है। नतीजतन, मरीज को दौरे पड़ते हैं, वह बेहोश हो सकता है या कुछ समय तक असामान्य व्यवहार भी कर सकता है।

मिर्गी कोई संक्रमण बीमारी नहीं है। और न ही ये मानसिक बीमारी या मानसिक कमजोरी के कारण होता है। बल्कि कई बार मिर्गी के कारण पड़ने वाले दौरों से मस्तिष्क पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन कभी-कभी दौरों के कारण मस्तिष्क को क्षति जरूर पहुंच सकती है।

जैसा की हमने कहा की मिर्गी कोई बीमारी नहीं हैं जिस वजह से ये किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में देखा जाए तो यह छोटे बच्चों और अधेड़ उम्र के लोगों में देखने को ज्यादा मिलता है। तो वहीं मिर्गी का इलाज करने के कई अलग-अलग तरीके मौजूद हैं। जैसे मिर्गी के उपचार में मेडिटेशन, सर्जरी और दवा आदि शामिल हैं। जिनका विस्तार से वर्णन हम इस पूर्ण लेखन में करेंगे।

मिर्गी के दौरे पड़ने के कारण क्या हैं ?

इसके दौरे पड़ने के अनेक कारण हैं जिनका वर्णन हम निम्न कर रहें हैं,..

  • आनुवंशिक कारण।
  • सिर पर घातक चोट का लगना।
  • ब्रेन ट्यूमर का होना।
  • एड्स।
  • जन्म से पहले शिशु के सिर में चोट का लगना।
  • अत्यधिक शराब या नशीली दवाओं का सेवन।
  • शिशु के जन्म के दौरान मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी का होना।

मिर्गी के लक्षण क्या हैं ?

मिर्गी के लक्षणों को हम निम्न प्रस्तुत कर रहें हैं :-

  • अचानक गुस्सा होना।
  • चक्कर आना।
  • एक ही जगह पर घूमते रहना।
  • मेमोरी का लॉस होना।
  • बिना किसी कारण के स्तब्ध रह जाना।
  • अचानक खड़े-खड़े गिर जाना।
  • शरीर में झुनझुनी और सनसनी का होना।
  • लगातार ताली बजाना या हाथ रगड़ना।
  • चेहरे, गर्दन और हाथ की मांसपेशियों में बार-बार झटके का आना।
  • अचानक से डर जाना।

अगर आप खुद में या अपने परिवार के किसी सदस्य में ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं तो जल्द से जल्द बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना में इनका चयन कर इनसे परामर्श ले।

इलाज क्या हैं मिर्गी के दौरे का ?

मिर्गी के दौरे से निज़ात दिलवाने के लिए डॉक्टर निम्न इलाज करवाने की सलाह देते हैं, जिनको हम निम्न प्रस्तुत करेंगे,..

  • एंटी-एपिलेप्टिक दवाओं के सेवन से दौरों की संख्या को कम किया जा सकता हैं।
  • दौरे को रोकने के लिए वेगस तंत्रिका उत्तेजना की मदद से बिजली द्वारा गर्दन से लेते हुए तंत्रिका को उत्तेजित करना।
  • जिन लोगों पर दवाओं का असर नहीं होता डॉक्टर उन्हें केटोजेनिक आहार (कार्बोहाइड्रेट वाले आहार) लेने का सुझाव देते हैं।
  • जो हिस्सा मस्तिष्क में दौरे की वजह बनता हैं उसे सर्जरी की मदद से हटाना।
  • मिर्गी की दवाई का सेवन इसके दौरे के स्तर को काफी हद तक कम कर देती हैं।

यदि मिर्गी के लक्षणों को जानने के बाद आप भी परेशान हैं तो बिना समय गवाए किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करें या फिर आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल का चुनाव भी कर सकते हैं क्युकि इस हॉस्पिटल में बेहतरीन आधुनिक उपकरणों की मदद से मरीज़ो का इलाज अच्छे से किया जाता हैं।

निष्कर्ष:

मिर्गी के लक्षणों के बार्रे में यदि आप जान गए है, तो बिना समय बर्बाद किए किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से इसके बारे में सलाह ले। ताकि इस पर रोक लगाया जा सकें। और इस बीमारी से निकलने में आप कारगर सिद्ध हो सके।

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