हेपेटाइटिस बी और सी क्या होता है, इसके मुख्य लक्षण और कैसे करें पहचान ?

हेपेटाइटिस बी और सी अलग-अलग प्रकार के हेपेटाइटिस संक्रमण होते है, जो लिवर में सूजन का कारण बनते है | यह दोनों संक्रमण खून के ज़रिये फैलते है | लेकिन लोगों को यह दोनों संक्रमण अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है, इसलिए इन  दोनों संक्रमणों का इलाज भी विभिन्न तरीकों से किया जाता है | आइये जानते है हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में विस्तार में और जाने क्या है दोनों संक्रमण के बीच अंतर :- 

 

हेपेटाइटिस बी क्या है ? 

 

हेपेटाइटिस बी शरीर में मौजूद तरल पदार्थ और खून के माध्यम से फैलता है | अधिकतर लोगों को जन्म से या फिर बचपन में ही यह संक्रमण हो जाता है | यदि आप कंडोम के बिना यौन संबंध बनाते है या फिर असुरक्षित प्रक्रिया को करवाते है , तो इसकी वजह से भी हेपेटाइटिस बी संक्रमण हो सकता है | हालाँकि हेपेटाइटिस बी के इलाज के लिए एक टीका मौजूद है, लेकिन हेपेटाइटिस बी संक्रमण से पूर्ण रूप से छुटकारा पाया नहीं जा सकता है | लेकिन घबराएं नहीं ऐसे कुछ उपचार मौजूद है, जो वास्तव में बहुत कारगर साबित होते है, जिसके ज़रिये आपके लिवर में पड़ने वाले प्रभावों को कम करने की कोशिश की जा सकती है |    

हेपेटाइटिस सी क्या है ?   

 

हेपेटाइटिस सी आमतौर पर केवल रक्त के माध्यम से फैलता है | अधिकतर लोग केवल सुई के ज़रिये दवा लेने से हेपेटाइटिस सी संक्रमण से संक्रमित हो सकते है | यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति से टैटू बनवाते है, जो टैटू कलाकार नहीं है, इसकी वजह से भी आप हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो सकते है | इसके अलावा असुरक्षित चिकित्सा प्रक्रियाओं, टीकाकरण कार्यक्रमों या फिर कंडोम के बिना यौन संबंध बनाने से भी आप हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो सकते है | हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए किसी भी प्रकार का कोई भी टीका मौजूद नहीं है लेकिन कुछ ऐसी दवाईयां मौजूद है, जिसके माध्यम से हेपेटाइटिस सी से छुटकारा पाने की कोशिश की जा सकती है | 

 

हेपेटाइटिस बी और सी के बीच क्या है अंतर ? 

 

  • फैलाव :- हेपेटाइटिस बी शरीर में मौजूद तरल पदार्थ और रक्त के ज़रिये फैलता है, जबकि हेपेटाइटिस सी आमतौर पर रक्त के ज़रिये ही फैलता है | 

 

  • इलाज :- हेपेटाइटिस बी के इलाज के लिए टीका मौजूद है, लेकिन पूर्ण रूप से संक्रमण से छुटकारा नहीं पाया जा सकता, जबकि हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए किसी भी तरह का टीका मौजूद नहीं है, लेकिन एंटीवायरल दवाओं से इस संक्रमण को कम करने की कोशिश की जा सकती है | 

 

  • लंबे समय तक रहने वाला खतरा :- हेपेटाइटिस सी संक्रमण 60 से 80 प्रतिशत इससे पीड़ित मरीज़ो में क्रोनिक को विकसित करता है, जबकि हेपेटाइटिस बी अधिकतर मामलों में करीब 6 महीने के अंतर्गत अपने आप ठीक हो जाता है |   

 

  • ऊष्मायन अवधि :- हेपेटाइटिस बी का औसत ऊष्मायन अवधि लगभग 120 दिनों का होता है, जबकि हेपेटाइटिस सी का ऊष्मायन अवधि केवल 45 दिनों तक का होता है | 

 

  • संक्रमण के जोखिम व्यक्ति :- हेपेटाइटिस बी से ज्यादातर लोग, संक्रमित मां से जन्मे बच्चे, हेपेटाइटिस बी से पीड़ित से यौन संबंध बनाने से या फिर एक से अधिक यौन संबंध बनाये व्यक्ति के साथ संबंध से भी संक्रमित हो सकते है | इसके अलावा जो व्यक्ति पहले से ही या फिर वर्तमान में भी इजेक्शन के ज़रिये नशीली दवाएं लेता है, वह व्यक्ति हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो सकता है | 

 

 हेपेटाइटिस बी और सी के मुख्य लक्षण क्या है ? 

 

 हेपेटाइटिस बी और सी के मुख्य लक्षण कुछ इस प्रकार है :- 

 

  • थकान महसूस होना 
  • मतली होना 
  • भूख न लगना 
  • पेट में दर्द होना  
  • हल्का बुखार होना 
  • त्वचा या आंखों का पीला होना
  • गहरे रंग का पेशाब होना 
  • जोड़ों में दर्द होना 
  • पेट का खराब होना और उल्टी होना 
  • खून की उल्टी होना या फिर मल के साथ खून का आना 

   

 हेपेटाइटिस बी और सी संकर्मण से जुड़े कुछ ज़रूरी बातें 

 

  • संक्रमण से संक्रमित होने के बाद पहले के एक-दो हफ्ते पीड़ित व्यक्ति को किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते है | 
  • हेपेटाइटिस बी और सी क्रोनिक हो जाने पर, इसका सालों तक कोई लक्षण दिखाई नहीं देता | 
  • हेपेटाइटिस बी और सी के लक्षण एक समान ही होते है | 
  • हेपेटाइटिस बी संक्रमण को टीकाकरण से रोका जा सकता है | 
  • ज्यादातर मामलों हेपेटाइटिस बी अपने आप ही ठीक हो सकता है, लेकिन इसके क्रोनिक होने की संभावना सबसे अधिक होती है, जो लिवर को गंभीर रूप से नुकसान पहचान एक कार्य कर सकता है |   

हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण की पहचान कैसे करें ?    

 

हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण की पहचान के लिए पीड़ित मरीज़ का रक्त परिक्षण किया जाता है | यदि परीक्षण के दौरान इन दोनों सक्रमणों में से किसी भी एक के लक्षण सामने आते है तो इसके इलाज के लिए आगे की प्रक्रिया को शुरू किया जाता   है | अगर आप ऊपर बताये गए किसी भी लक्षणों से गुजर रहे है तो बेहतर यही है की आप डॉक्टर से पास जाएं और इस समस्या की जाँच-पड़ताल करवाएं, ताकि इस संक्रमण से पड़ने वालों प्रभावों को कम करने में सहायता प्राप्त हो सके, क्योंकि स्थिति गंभीर होने पर यह क्रोनिक में तब्दील हो सकता है, जो गंभीर रूप से आपके लिवर को प्रभावित करने के सक्षम होता है | 

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति ऐसी परिस्थिति से गुजर रहा है और अपना इलाज करवाना चाहते है तो इसमें न्यूरोसिटी हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इस संस्था के डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन क्लीनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट में से एक है, जो इस समस्या के प्रभावों को कम करने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |     

Send Us A Message

    क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
    HindiNeuroNeurology

    क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

    • November 27, 2024

    • 3588 Views

    न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

    नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
    Sleep disorder

    नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

    • November 23, 2024

    • 268 Views

    एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
    meningitis

    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

    • November 16, 2024

    • 272 Views

    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

    इन 5 कारणों से सिर की नसों में होता है दर्द, जाने कैसे पाएं इस समस्या से मुक्ति ?

    क्या आपको भी हर समय सिरदर्द की शिकायत रहती है, क्या आपके सिर में भी पिन की तरह चुभन का एहसास होता है ?  तो यह सिर की नसों में उत्पन्न दर्द होने का कारण हो सकता है | सिर के नसों में दर्द कई कारणों से हो सकते है | इन्हीं कारणों को जानने के बाद ही आप इस समस्या का इलाज करवा सकते है, ताकि समय रहते इस समस्या से आपको छुटकारा मिल सके | सिर की नसों में दर्द होने पर मरीज़ों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है | इस स्थिति में पीड़ित मरीज़ के शरीर में से कई तरह के लक्षण सामने आते है, जैसे की सिरदर्द, जलन होना, सिर में धड़कता हुआ दर्द होना, सिर दर्द का खोपड़ी तक पहुँच जाना, सिर के दोनों ओर दर्द होना, आंख के पीछे दर्द होना आदि लक्षण शामिल है | इन लक्षणों पर ध्यान देकर आप अपने स्थिति पर सुधार कर सकते है | आइये जानते है सिर की नसों में दर्द होने के मुख्य कारण कौन-से   है :-

    सिर की नसों में दर्द होने के मुख्य कारण कौन-से है ?     

    • डायबिटीज हो सकता है सिर में दर्द की वजह

     

    कई बार डायबिटीज़ के कारण भी सिर की नसों में दर्द होने लग जाता है | डायबिटीज़ एक ऐसी स्थिती होती है, जिसमें शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, ऐसे में सिर की नसों में दर्द होने लग जाता है | यदि आपको डायबिटीज़ है तो इससे न्युरोपैथी या फिर नसों में सूजन होना सामान्य है, जो नसों में दर्द का कारण बनता है |    

    • माइग्रेन की समस्या होने पर 

     

    माइग्रेन के कारण भी सिर की नसों में दर्द होने लग जाता है | यदि आपको माइग्रेन की समस्या है तो इससे सिर के पीछे तीव्र दर्द होने की संभावना हो सकती है, जिसकी वजह से यह दर्द आपकी नसों तक पहुँच जाता है | इसलिए यदि आपको माइग्रेन की दिक्कत है तो इसके इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें |  

    • आर्थराइटिस से भी होता है सिरदर्द 

     

    कई बार सिर की नसों में दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटाइड के कारण भी हो सकता है | दरअसल आर्थराइटिस से पीड़ित मरीज़ों के ओसिसिपिटल नर्व पर काफी बुरा असर पड़ता है, जिसकी वजह से नसों पर तनाव काफी उत्पन्न हो जाता है | जिसकी वजह से नसों में दर्द और सूजन की समस्या बढ़ने लग जाता है |  

    • मांसपेशियों में दर्द की परेशानी 

     

    मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव के कारण सिर की नसों पर भारी दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से सिर की नसों में दर्द होने लग जाता है |  

    • चोट लगने से होता है सिरदर्द  

     

    सिर की नसों में लगे किसी भी प्रकार के चोट के कारण ओसिसिपिटल न्यूराल्जिया की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिस कारण सिर के पिछले हिस्से असहनीय दर्द होने लग जाता है | ऐसी स्थिति में बेहतर यही है की आप डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं | 

    यदि ऊपर बताई गई किसी भी स्थिति से आप गुजर रहे है तो बेहतर यही है की आप किसी डॉक्टर के पास जाएं और अपना जाँच-पड़ताल कराएं | इलाज के लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था में मौजूद सभी डॉक्टर पंजाब के सर्वश्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट में से एक है, जो इस समस्या का इलाज कर, इससे छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नमक वेबसाइट पर जाएं और अपना इलाज करवाएं | इसके अलावा आप वेबसाइट पर मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |      

    Send Us A Message

      क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
      HindiNeuroNeurology

      क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

      • November 27, 2024

      • 3588 Views

      न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

      नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
      Sleep disorder

      नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

      • November 23, 2024

      • 268 Views

      एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

      इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
      meningitis

      इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

      • November 16, 2024

      • 272 Views

      इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

      क्या गर्दन में दर्द बन रही आपके रोज़ाना कार्य में रुकावट, जाने किन कारणों से होती है नेकपेन की समस्या ?

      न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक शॉर्ट्स के माध्यम से यह बताया गया की कोविड काल के बाद से कई लोगों ने अपने काम करने के तरीके को काफी हद तक बिल्कुल ही बदल दिया है और ऑफीस जाने बजाये अब कई लोगों ने  वर्क फ्रॉम होम करना शुरू कर दिया है, जिस कारण वह अपना काफी समय कंप्यूटर पर काम करने में ही व्यतीत कर देते है | लगातार कंप्यूटर पर काम करने से कई बार लोगों को गर्दन में काफी तीव्र दर्द होने की समस्या से गुजरना पड़ जाता है | 

      ऐसा तब होता है जब कंप्यूटर पर काम कर रहा व्यक्ति अपने सिर को पीछे की और फिर आगे को ओर एकदम से झटका देता है, जिससे गर्दन की नरम ऊतकों पर काफी दबाव पड़ने लग जाता है | हालाँकि यह दर्द थोड़े समय के लिए ही रहता है, जिससे अक्सर लोग नज़र अंदाज़ करना देते है | लेकिन स्थिति गंभीर होने पर यह गर्दन में दर्द सर्वाइकल डिस्क हर्नियेशन, सर्वाइकल स्पाइनेस स्टेनोसिस या फिर स्पाइनल नर्व रूट के संपीड़न के कारण भी उत्पन्न हो सकते है | 

       

      गर्दन में हो रहे दर्द का समय रहते इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होते है, स्थिति गंभीर होने पर यह आपके रोज़मर्रा कामो में बाधा बनने का काम भी कर सकती है और इसके साथ ही यह समस्या आगे जाकर बहुत बड़ी बीमारी होने का कारण भी बन सकती है | इसलिए बेहतर यही है कि लक्षण का पता लगते ही किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएं और स्थिति की अच्छे से जाँच-पड़ताल करवाएं।, ताकि समस्या को गंभीर होने से रोका जा सके | 

       

      यदि आप में कोई भी व्यक्ति ऐसी ही परिस्थिति से गुजर रहा है तो इलाज में न्यूरोसिटी हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर राजिंदर सिंह ओर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 26 वर्षों से ऑर्थोपेडिक्स से जुड़ी समस्या का सटीक इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |   

       

      इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |              

      Send Us A Message

        क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
        HindiNeuroNeurology

        क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

        • November 27, 2024

        • 3588 Views

        न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

        नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
        Sleep disorder

        नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

        • November 23, 2024

        • 268 Views

        एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

        इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
        meningitis

        इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

        • November 16, 2024

        • 272 Views

        इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

        डॉक्टर विकेश से जाने उनके हॉस्पिटल में कैसे किया अस्थमा से पीड़ित मरीज़ों का सटीक इलाज ?

        न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और पुमोनोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि पूरे विश्व भर में 2 मई को वर्ल्ड अस्थमा के नाम से मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच अस्थमा जैसी गंभीर समस्या के बारे में जागरूकता को बढ़ाया जा सके | अस्थमा जैसी गंभीर समस्या हर वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है | 

         

        आज के दौर में फसल कटाई के दौरान या फिर प्रदूषित वातावरण या गई धूम्रपान जैसी नशीली पदार्थों का सेवन करने की वजह से अस्थमा से पीड़ितों के मामले काफी सामने आ रहे है | अस्थमा के प्रमुख लक्षण है लंबे समय तक खांसी का होना, साँस लेने के दौरान सिटी का बजना और इससे पीड़ित कई मरीज़ों साँस में परशानी भी हो सकती है | इसलिए इस समस्या का सही समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है | यदि आपके आस-पास कोई भी व्यक्ति ऐसे लक्षणों से गुज़र रहा है तो उसे छाती में विशेषज्ञ के पास जाकर परामर्श ज़रूर करवाना चाहिए, ताकि समस्या का सही समय पर निदान हो सके और उचित समय पर उपचार प्राप्त हो सके |

        कई लोग को इस बात का भ्रम में होते है की अस्थमा का इलाज इनहेलर के माध्यम से किया जाता है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं होता हर व्यक्ति में अस्थमा होने के मुख्य कारण विभिन्न होते है | कई मामलों होते है जिनमें इनहेलर की ज़रुरत पड़ती है लेकिन कई मामलों में अस्थमा से पीड़ित मरीज़ों का इलाज सही दवाओं और उचित उपचार से किया जा सकता है | जब अस्थमा की समस्या कम होने लग जाती है तो डॉक्टर दवाओं की खुराक को धीरे-धीरे कम कर देता है | 

         

        इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |

         

        यदि आप या फिर आपके आसपास कोई भी व्यक्ति अस्थमा से पीड़ित है और स्थायी इलाज करवाना चाहता है तो इसके लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता पुमोनोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट है, जो अस्थमा जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाए और अपनी अपॉइनमेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |

        Send Us A Message

          क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
          HindiNeuroNeurology

          क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

          • November 27, 2024

          • 3588 Views

          न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

          नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
          Sleep disorder

          नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

          • November 23, 2024

          • 268 Views

          एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

          इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
          meningitis

          इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

          • November 16, 2024

          • 272 Views

          इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

          Latest Treatment Solutions with Neurociti

          Unexplainable pain can be an emotionally hard journey to manage. It is one thing to be in pain when you are aware of the issues and troubles you are facing, but being unaware and in the dark can be an entirely difficult and harrowing experience. Certain symptoms of your pain levels can overlap with a variety of different issues, making it extremely difficult to correctly diagnose your struggles.

           

          Dystonia is one of the lesser-known movement-related disorders. Any person experiencing dystonia will have uncontrollable muscle contractions in certain parts of their body. More often than not, these are false signals sent by the brain and the patient’s nervous system. It can also manifest in the form of abnormal postures along the way. It has the capacity to be both a chronic as well as an acute disease. The intensity of dystonia can vary from person to person.

           

          At Neurociti Hospital, our team of experts can help you manage this disorder. With our state-of-the-art technology and treatment solutions at our disposal, we can help tend to your symptoms and enhance your standard of living. It can be incredibly difficult to live a life with dystonia, however acute or chronic the illness is. At Neurociti Hospital, we believe in helping out our patients wherever and in how many ways we can. To start your healing journey, visit our website for more information. You can easily book an appointment online!

          Send Us A Message

            क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
            HindiNeuroNeurology

            क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

            • November 27, 2024

            • 3588 Views

            न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

            नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
            Sleep disorder

            नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

            • November 23, 2024

            • 268 Views

            एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

            इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
            meningitis

            इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

            • November 16, 2024

            • 272 Views

            इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

            Expert Bronchoscopy Surgery Treatment

            At Neurociti Hospital, our experienced team of doctors understands the uniqueness of each patient. We provide an approach that starts with a thorough consultation to understand the symptoms and medical history and find the root cause of the problem. Whether it is caused by some TV, cancer, asthma or any other reason, we will provide you with the proper personalized treatment from our experts to address your needs and ensure quick and lasting relief. 

             

            In this video, Dr Vikesh Gupta, a specialist doctor at Neurociti Hospital Ludhiana, explained bronchoscopy procedures to our patients; this is a procedure in which the inside of the lungs can be examined through an endoscope. The bronchoscopy procedure is beneficial for patients who cough up blood. Through bronchoscopy, we can see inside the lungs, biopsy the tumour, and find out what is causing it. Bronchoscopy is very beneficial; there is no need for admission to get this procedure done; this procedure can be done on an OPD basis; for the best bronchoscopy procedure, go to Vikes Gupta.

            We will provide comprehensive allergy tests and customized treatment plans for allergies or viral infections to reduce the trigger and correct the infection. For some chronic problems like TV, cancer, and asthma, our experienced team of doctors will assist you with long-term strategies, including medications and some lifestyle changes to relieve the problem successfully. With advanced diagnostics and compassionate expertise, we are committed to restoring your respiratory health. 

            Send Us A Message

              क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
              HindiNeuroNeurology

              क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

              • November 27, 2024

              • 3588 Views

              न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

              नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
              Sleep disorder

              नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

              • November 23, 2024

              • 268 Views

              एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

              इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
              meningitis

              इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

              • November 16, 2024

              • 272 Views

              इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

              Expert Cough Treatment Solutions

              Are you facing a persistent cough issue? At Neurociti Hospital, we provide comprehensive cough care to deliver the relief you need. We understand that a lingering lough can have a significant impact on your day-to-day activities. It can affect your overall well-being. At Neurociti Hospital, our experts will try to discover the underlying cause of the cough problem. Our specialists will offer advanced personalized solutions to your cough problem. 

              At our hospital, our experienced team of doctors understand the uniqueness of each patient and provide an approach that starts with a thorough consultation to understand your symptoms and medical history to find the root cause of the problem. Whether it is caused by some allergic reaction, viral infection, asthma or any other reason, we will provide you with the proper personalized treatment from our experts to address your needs and ensure quick and lasting relief. 

               

              We will provide comprehensive allergy tests and customized treatment plans for issues like allergies or viral infections to reduce the trigger and correct the infection. For some chronic problems like asthma, our experienced team of doctors will assist you with long-term strategies, including medications and some lifestyle changes to relieve the problem successfully. With advanced diagnostics and compassionate expertise, we are committed to restoring your respiratory health.

              Send Us A Message

                क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
                HindiNeuroNeurology

                क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

                • November 27, 2024

                • 3588 Views

                न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

                नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
                Sleep disorder

                नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

                • November 23, 2024

                • 268 Views

                एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

                इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
                meningitis

                इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

                • November 16, 2024

                • 272 Views

                इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

                Dr Vikesh Gupta Explains About Asthma & Its Treatments

                Asthma has become a common problem and can affect a person of any age. To spread its awareness, the 2nd of May is celebrated as World Asthma Day. In this video, our expert, Dr Vikesh Gupta, explains asthma, its misconceptions, and the treatments that are available. 

                Dr Vikesh Gupta explains that asthma can happen at any age and has become a common issue. Air pollution, harvest season, and excessive smoking habits can contribute to the development of asthma or can worsen your asthma. Its symptoms include prolonged cough, stringy cough, whistle sound while breathing, or breathing issues.

                 

                If someone experiences these symptoms, they must consult a chest specialist, as they can help diagnose the problem at an early stage. Detecting the problem early can help in managing the condition well and prevent it from getting worse. 

                Dr Vikesh Gupta explains how many people have misconceptions about asthma, one of which is about inhalers. He said people believe inhalers are the only treatment option, whereas, in reality, there are other treatment options available. Medicines are also given to treat asthma, and with the right treatment, the inhalers can be stopped altogether. 

                Therefore, he suggests everyone take a pledge to raise awareness about asthma and its treatments and make people aware that it is a treatable condition. So, if you have any problem in your chest or some other issue, visit Neurociti Hospital & Diagnostic Centre.

                Send Us A Message

                  क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
                  HindiNeuroNeurology

                  क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

                  • November 27, 2024

                  • 3588 Views

                  न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

                  नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
                  Sleep disorder

                  नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

                  • November 23, 2024

                  • 268 Views

                  एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

                  इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
                  meningitis

                  इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

                  • November 16, 2024

                  • 272 Views

                  इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

                  मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियाँ या स्ट्रोक के क्या है कारण, लक्षण जोखिम कारक और उपचार के तरीके ?

                  मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियां, जो अक्सर स्ट्रोक का कारण बनती है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति के रूप में जानी जाती है जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। इस ब्लॉग में, हम इस स्थिति से जुड़े कारणों, लक्षणों, जोखिम कारकों और उपचार के तरीकों का पता लगाएंगे, तो मस्तिष्क में स्ट्रोक के बारे में जानने के लिए लेख के साथ अंत तक बने रहें ;

                  मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों (स्ट्रोक) के कारण !

                  • मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियां मुख्य रूप से रक्त वाहिकाओं के भीतर फैटी जमा के निर्माण के कारण होती है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है। ये जमाव धमनियों को संकीर्ण या पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकते है, जिससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। यदि किसी कारणवश आपके दिमाग में रक्त का प्रवाह कम हो गया हो तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए 
                  • इन संकुचित धमनियों के भीतर रक्त के थक्के भी बन सकते है, जिससे रक्त प्रवाह और भी बाधित हो सकता है। कुछ मामलों में, थक्के या प्लाक का एक टुकड़ा टूटकर मस्तिष्क तक जा सकता है, जिससे रुकावट पैदा हो सकती है, जिसे एम्बोलिक स्ट्रोक कहा जाता है।

                  मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों (स्ट्रोक) के लक्षण क्या है ?

                  • स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर हस्तक्षेप से दीर्घकालिक क्षति को कम किया जा सकता है। मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनी के सामान्य लक्षणों में शामिल है ;
                  • चेहरे, हाथ या पैर के एक तरफ अचानक कमजोरी या सुन्नता।
                  • बोलने में कठिनाई या अस्पष्ट वाणी।
                  • बिना किसी ज्ञात कारण के गंभीर सिरदर्द।
                  • अचानक चक्कर आना, संतुलन खोना, या समन्वय संबंधी समस्याएं।
                  • दृष्टि संबंधी समस्याएं, जैसे धुंधला या दोहरी दृष्टि।
                  • यदि आप या आपके कोई परिचित इन लक्षणों का अनुभव करते है, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये संभावित स्ट्रोक के संकेत है।

                  लेकिन स्ट्रोक के लक्षण गंभीर नज़र आने पर आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन के संपर्क में आना चाहिए।

                  मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों (स्ट्रोक) के जोखिम कारक क्या है ?

                  कई जोखिम कारक मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों की संभावना को बढ़ा सकते है, जैसे ;

                  उच्च रक्तचाप : अनियंत्रित उच्च रक्तचाप धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है और एथेरोस्क्लेरोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है।

                  धूम्रपान : धूम्रपान स्ट्रोक के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और थक्का बनने को बढ़ावा देता है।

                  मधुमेह : उच्च रक्त शर्करा का स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।

                  उच्च कोलेस्ट्रॉल : एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का ऊंचा स्तर धमनियों में प्लाक के निर्माण में योगदान कर सकता है।

                  पारिवारिक इतिहास : स्ट्रोक या हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास आपके जोखिम को बढ़ा सकता है।

                  मोटापा : अधिक वजन होने से उच्च रक्तचाप और मधुमेह हो सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा और भी बढ़ जाता है।

                  मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियों (स्ट्रोक) के उपचार क्या है ?

                  • इसके उपचार में टिशू प्लास्मिनोजेन एक्टिवेटर (टीपीए) एक ऐसी दवा है जो लक्षण शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर प्रशासित होने पर रक्त के थक्कों को भंग कर सकती है और रक्त प्रवाह को बहाल कर सकती है।
                  • कुछ मामलों में, क्लॉट-पुनर्प्राप्ति उपकरण के साथ कैथेटर का उपयोग करके अवरुद्ध धमनी से क्लॉट को हटाने के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया की जा सकती है।
                  • एस्पिरिन, नए थक्कों के गठन को रोकने में मदद करती है।
                  • गंभीर मामलों में, अवरुद्ध धमनियों को खोलने और रक्त प्रवाह को बहाल करने के लिए कैरोटिड एंडाटेरेक्टॉमी या स्टेंटिंग के साथ एंजियोप्लास्टी जैसी सर्जिकल प्रक्रियाएं आवश्यक हो सकती है।
                  • इन तीव्र उपचारों के अलावा, जोखिम कारकों का प्रबंधन करना और जीवनशैली में बदलाव करना दीर्घकालिक रोकथाम और पुनर्प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। और इसमें शामिल है ;
                  • हृदय-स्वस्थ आहार अपनाने, धूम्रपान छोड़ने और नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से भविष्य में स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।
                  • स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा बताई गई दवा से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी स्थितियों का प्रबंधन करना।
                  • नियमित जांच और आपके समग्र स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी से बार-बार होने वाले स्ट्रोक को रोकने में मदद मिल सकती है।

                  यदि आप स्ट्रोक की समस्या से खुद का बचाव करना चाहते है तो इसके लिए आपको न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। क्युकी यहां पर सर्जिकल प्रक्रिया को काफी अच्छे से किया जाता है।

                  निष्कर्ष : मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनियाँ जो स्ट्रोक का कारण बनती है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। लक्षणों को पहचानने और जोखिम कारकों को समझने से रोकथाम और शीघ्र हस्तक्षेप में मदद मिल सकती है। चिकित्सा उपचार में प्रगति और स्वस्थ जीवन शैली के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, स्ट्रोक के प्रभाव को कम किया जा सकता है, और पुनर्प्राप्ति की राह अधिक बेहतर हो सकती है। यदि आप या आपका कोई परिचित स्ट्रोक के लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो हमेशा याद रखें, समय महत्वपूर्ण है, और शीघ्र चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।

                  Send Us A Message

                    क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
                    HindiNeuroNeurology

                    क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

                    • November 27, 2024

                    • 3588 Views

                    न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

                    नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
                    Sleep disorder

                    नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

                    • November 23, 2024

                    • 268 Views

                    एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

                    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
                    meningitis

                    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

                    • November 16, 2024

                    • 272 Views

                    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

                    पार्किंसंस रोग क्या है जानिए इसके तथ्यों के बारे में ?

                    पार्किंसंस रोग, एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार, दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। इस ब्लॉग में, हम इस स्थिति, इसके लक्षणों, कारणों और प्रबंधन के बारे में आवश्यक तथ्यों का पता लगाएंगे ;

                    पार्किंसंस रोग क्या है ?

                    • पार्किंसंस रोग, जिसे अक्सर पीडी कहा जाता है, एक दीर्घकालिक और प्रगतिशील तंत्रिका संबंधी विकार है जो मुख्य रूप से चलने-फिरने को प्रभावित करता है। यह मस्तिष्क में डोपामाइन-उत्पादक न्यूरॉन्स के अध: पतन की विशेषता है।
                    • पार्किंसंस रोग जितना आप सोच सकते है उससे कहीं अधिक आम है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है और किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है। हालाँकि, इसका निदान अक्सर 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में होता है।
                    • पार्किंसंस रोग से बचाव के लिए लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का करें चयन।

                    पार्किंसंस रोग के लक्षण क्या है : 

                    पार्किंसंस रोग के सबसे पहचानने योग्य लक्षणों में कंपकंपी, ब्रैडीकिनेसिया (गति की धीमी गति), मांसपेशियों में कठोरता और मुद्रा संबंधी अस्थिरता शामिल है। पीडी वाले लोगों को अवसाद, नींद की गड़बड़ी और संज्ञानात्मक परिवर्तन जैसे गैर-मोटर लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है। अगर आपको पार्किंसंस रोग के दौरान मांसपेशियों में कठोरता जैसा कुछ लगें तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए। 

                    कारण : पार्किंसंस रोग का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसे आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों का संयोजन माना जाता है। कुछ मामले वंशानुगत होते है, जबकि अन्य छिटपुट प्रतीत होते है।

                    रोग का पता कैसे लगाए ? 

                    पार्किंसंस रोग का निदान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसका कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। न्यूरोलॉजिस्ट आमतौर पर निदान करने के लिए रोगी के चिकित्सा इतिहास और लक्षणों के नैदानिक ​​मूल्यांकन पर भरोसा करते है।

                    डोपामाइन की कमी : 

                    पीडी मुख्य रूप से डोपामाइन की कमी से जुड़ा है, एक न्यूरोट्रांसमीटर जो आंदोलन और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को विनियमित करने में मदद करता है। जैसे ही डोपामाइन-उत्पादक कोशिकाएं मरती है, मोटर कार्य ख़राब हो जाते है।

                    पार्किंसंस रोग का उपचार क्या है ? 

                    हालाँकि पार्किंसंस रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कई उपचार इसके लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते है। लेवोडोपा जैसी दवाएं मस्तिष्क में डोपामाइन के स्तर को बढ़ा सकती हैं और मोटर लक्षणों को कम कर सकती हैं।

                    डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) : 

                    गंभीर मामलों में, डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक विकल्प है। इसमें असामान्य विद्युत संकेतों को विनियमित करने और लक्षणों को कम करने के लिए मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपित करना शामिल है।

                    व्यायाम : पार्किंसंस रोग वाले लोगों के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है। यह गतिशीलता, संतुलन और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।

                    आहार और पोषण : एक संतुलित आहार भी फर्क ला सकता है। फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क कोशिकाओं की रक्षा करने में मदद कर सकते है। इसके अतिरिक्त, प्रोटीन का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि यह दवा के अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकते है।

                    सहायता और शिक्षा : मरीजों और उनके परिवारों को सहायता समूहों और शैक्षिक संसाधनों से लाभ होता है। ये बीमारी की बेहतर समझ प्रदान कर सकते है और भावनात्मक समर्थन प्रदान कर सकते है।

                    जीवन की गुणवत्ता : चुनौतियों के बावजूद, पार्किंसंस रोग से पीड़ित कई व्यक्ति संतुष्टिपूर्ण जीवन जीते है। शीघ्र निदान और उचित प्रबंधन से प्रभावित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।

                    गैर-मोटर लक्षण : पार्किंसंस रोग केवल चलने-फिरने में होने वाली समस्याओं के बारे में नहीं है। मूड संबंधी विकार, कब्ज और नींद की गड़बड़ी जैसे गैर-मोटर लक्षण दैनिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते है।

                    अनुसंधान और आशा : पार्किंसंस रोग को बेहतर ढंग से समझने और नए उपचार विकसित करने के लिए निरंतर अनुसंधान किया जा रहा है। ऐसी आशा है कि भविष्य की सफलताओं से अधिक प्रभावी उपचार या यहां तक कि इलाज भी हो सकता है।

                    देखभाल करने वालों की भूमिका : देखभाल करने वाले पीडी वाले व्यक्तियों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। दैनिक कार्यों में उनका समर्पण और सहायता रोगी की भलाई में महत्वपूर्ण अंतर ला सकती है।

                    जागरूकता और वकालत : पार्किंसंस रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना शीघ्र पता लगाने और सहायता के लिए आवश्यक है। कई संगठन और फाउंडेशन पीडी के साथ रहने वाले व्यक्तियों की वकालत करने के लिए अथक प्रयास करते है।

                    सार्वजनिक धारणा : पार्किंसंस रोग से जुड़े मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है। पीडी से पीड़ित कई लोगों में दृश्यमान लक्षण प्रदर्शित नहीं होते है, और यह स्थिति हमेशा बुढ़ापे से जुड़ी नहीं होती है।

                    पार्किंसंस रोग इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

                    पार्किंसंस हड्डियों और मांशपेशियों संबंधित समस्या से बचाव के लिए आपको न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

                    निष्कर्ष :

                    पार्किंसंस रोग एक जटिल स्थिति है जो दुनिया भर में लाखों व्यक्तियों को प्रभावित करती है। हालाँकि वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन चल रहे अनुसंधान और चिकित्सा प्रगति बेहतर उपचार और अंततः इलाज की आशा प्रदान करती है। पार्किंसंस रोग के लक्षणों, कारणों और प्रबंधन को समझना रोगियों, देखभाल करने वालों और जनता के लिए महत्वपूर्ण है। बढ़ती जागरूकता और समर्थन के साथ, पीडी से पीड़ित व्यक्ति पूर्ण जीवन जी सकते है और अधिक दयालु और सूचित समाज में योगदान कर सकते है।

                    Send Us A Message

                      क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद
                      HindiNeuroNeurology

                      क्या है ब्रोंकोस्कोपी ? जाने कैसे करती है यह एक व्यक्ति को आसानी से साँस लेने में मदद

                      • November 27, 2024

                      • 3588 Views

                      न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल…

                      नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
                      Sleep disorder

                      नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

                      • November 23, 2024

                      • 268 Views

                      एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है,…

                      इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
                      meningitis

                      इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

                      • November 16, 2024

                      • 272 Views

                      इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…