ब्रेन स्‍ट्रोक या दिमाग में खून जमने की समस्या, जाने इसके कारण लक्षण और उपाए|

खून का जमना या ब्रेन स्‍ट्रोक क्या है ?

 ब्रेन स्‍ट्रोक या दिमाग में खून जमना उसे कहा जाता है जब दिमागी कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं. और धमनियों में खून का थक्का जम जाता है।

 खून के जमाव को दिमाग का दौरा भी कहा जाता हैं और इस दोरे के दौरान मस्तिष्क की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से वो नष्ट होने लगती हैं जिस कारन इस हिसे का मस्तिष्क ढंग से कार्य करने में असमर्थ रहता हैं। जिससे ब्रेन स्‍ट्रोक या खून के जमाव की समस्या उत्पन होती है |

  • इस बीमारी में कई बार ऐसा भी होता है कि दिमाग में रक्त संचार बहुत तेज होने की वजह से इसकी नसे फट भी जाती है |
  • जब खून का जमाव होता है तो ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ता है और इसका असर सीधा जाकर हमारे शरीर पर पड़ता है और कई बार ये जमाव हमारी मौ-त का कारन भी बनता है |

ब्रेन स्‍ट्रोक के कारण क्या हैं :

  • डायबिटीज के कारण |
  • हाई बीपी |
  • हाई कोलेस्ट्रॉल |
  • दिल का रोगी |
  • मोटापे का कारण |
  • स्मोकिंग |
  • चिंतन |
  • एक्सरसाइज न करना |
  • काम मात्रा में मांसाहारी व उच्च वसायुक्त भोजन का सेवन |

सुझाव :

 यदि आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना में हैं, तो यदि आपको परेशानी हैं मस्तिष्क से जुडी तो अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह जरूर ले |

लक्षण क्या हैं ब्रेन स्‍ट्रोक या खून जमाव के ?

 मुंह का तिरछा हो जाना।

  • दोनों हाथों का बेजान हो जाना।
  • जुबान का लड़खड़ाना
  • पैरालिसिस ब्रेन
  • अत्‍यधिक मेहनत करने या गुस्‍सा आने की समस्या |
  • दोनों या एक आंख में देखने में अचानक परेशानी होना।
  • अचानक चक्कर आना, चलने में परेशानी, संतुलन का बिगड़ना।
  • बिना कारण जाने अचानक गंभीर सिरदर्द ।

किन बातों का रखे ध्यान :

 नशीली चीजों के इस्तेमाल से बचे |

  • भोजन में वसा या चिकनाई युक्त चीजे कम ले |
  • वजन का ध्यान रखें |
  • डॉक्टर की सलाह ले और उनपर अमल करें |
  • सप्ताह में 5 दिन करीब 30 मिनट तक वर्कआउट जरूर करें।
  • तो वही इस खतरे को कम करने के लिए वयस्क पुरुष या महिला को संतुलित आहार व रेशेदार भोजन का सेवन करना चाहिए।

ब्रेन स्‍ट्रोक या खून के जमाव का इलाज :

 मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी को कारगर माना जाता हैं ब्रेन स्‍ट्रोक के इलाज में, क्युकि इस प्रक्रिया में रिट्रीवर स्टेंट डिवाइस को पेट एवं जांघ के बीच की जगह से रक्तवाहिनी में डाला जाता है और आर्टरी से होते हुए दिमाग तक पहुँचाया जाता है, जहाँ इसका उपयोग खून के थक्के को हटाने के लिए किया जाता है।

  • इसके इलाज के लिए किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर का चुनाव करें और इसके लक्षणों के हिसाब से ऐसा ही कोई हॉस्पिटल भी ढूंढे ताकि आपका इलाज अच्छे से हो सके |

निष्कर्ष :

 अंततः आपसे यही कहना होगा कि अगर इस बीमारी से जुड़े कोई भी लक्षण आपमें नज़र आए तो बिना समय गवाए इसका इलाज करवाए और इसके इलाज के लिए लुधियाना में Neurociti Hospital का चुनाव करे।

क्युकि ये चिकित्सालय इस बीमारी के लिए काफी अच्छा माना जाता हैं और वहीं इस बीमारी के अनुभवी चिकित्सक Dr. Rajinder Singh, Dr. S.k Bansal, Dr Vikesh Gupta से जरूर मिले और अपनी परेशानी का हल पाए।  क्युकि इस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने अभी तक ब्रेन स्‍ट्रोक के काफी मरीज़ो का इलाज कर उन्हें आराम दिलवाया हैं |

 

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