दिमागी कमजोरी के लक्षणों को जानकर कैसे करें इसका इलाज चुटकियों में ?

कई कारणों से दिन-प्रतिदिन हमारी जीवनशैली में लगातार बदलाव देखने को मिल रहें है और इन बदलावों का असर कही न कही हमारे दिमाग पर भी पड़ता है। पिछले कुछ वर्षों में कई लोगों में दिमागी कमजोरी की शिकायतें लगातार बढ़ रही है। हमारी जीवन शैली में आने वाले बदलावों के कारण हमारे सोचने और काम करने की प्रक्रिया में भी परिवर्तन आया है। और इन परिवर्तन के कारण कम उम्र के लोग भी तनाव से ग्रसित हो जाते है, और कही न कही ये तनाव व्यक्ति के मासिक कमजोरी का कारण बनते जा रहें है, तो चलिए जानते है की क्या है इस समस्या के लक्षण और बचाव के तरीके ;  

क्या है दिमागी कमजोरी ?

  • दिमाग को सही ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन चाहिए होता है, यदि दिमाग की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन या अन्य पोषक तत्वों की प्रयाप्त मात्रा नहीं पहुंचती है तो मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है, जो दिमागी कमजोरी के रूप में सामने आती है।  
  • यदि दिमाग के किसी प्रमुख हिस्से में रक्त पहुंचाने वाली कोशिका में थक्का जम जाए तो, इस तरह की समस्या होती है। जब भी दिमाग का दौरा पड़ता है, तो एक मिनट के भीतर ही सभी प्रभावित कोशिकाएं दम तोड़ने लगती है। ऐसी स्थिति मे मरीज अपनी देखभाल अच्छे से नहीं कर पाता जिसके कारण उसको कई तरह की दिमागी समस्या का सामना करना पड़ता है। 
  • दिमागी कमजोरी के कारण व्यक्ति को अपने हर एक काम के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाता है, जैसे उसे बोलने, पढ़ने, लिखने, समझने में दिक्कत आती है, साथ ही व्यक्ति की याद्दाश्त भी कमजोर होने लगती है।
  • अगर आपको दिमागी कमजोरी जैसा कुछ लगें तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। 

दिमागी कमजोरी के लक्षण क्या नज़र आते है ?

  • हाथों-पैरों या चेहरे में अचानक से झुनझुनाहट का महसूस होना या कमजोरी का आना। 
  • शरीर के एक तरफा हिस्से में लकवा भी आ सकता है, समझने या बोलने में एकाएक रुकावट का सामना भी आपको करना पड़ सकता है।  
  • एक या फिर दोनों आंखों से देखने में दिक्कत का सामना करना।  
  • चक्कर आना, चलने में परेशानी होना. शरीर को संतुलित रखने में परेशानी का सामना करना। 
  • मरीज का बेहोश होना, बिना किसी वजह के सिर में तेज दर्द का उठना। वहीं किसी व्यक्ति में अगर ऐसा कोई लक्षण दिखे तो उसे तुरंत ही किसी न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए और स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर आप ऐसे परिस्थिति में लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन भी कर सकते है।

कारण क्या है दिमागी कमजोरी के ?

  • यह बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन यह ऐसे लोगों में अधिक होती है, जिन्हें धूम्रपान या तंबाकू की आदत होती है। 
  • जिन लोगों को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज आदि बिमारी होती है, इसके अलावा जो लोग व्यायाम नहीं करते, ज्यादा घी, तेल खाने वालों में, मोटे लोगो में, तली हुई व चर्बीयुक्त पदार्थ अधिक खाने वालों और ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह परेशानी होती है। 
  • आनुवंशिकता और तनाव भी इस बिमारी के काफी बड़े कारण में शामिल है। 

सुझाव :

दिमाग का हमारे समस्त शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, क्युकी इसके बिना शरीर का कोई भी अंग कार्य करने में असमर्थ होता है। इसलिए जरूरी है की दिमाग में सामान्य से भी लक्षण नज़र आए तो जल्द डॉक्टर का चयन करें। 

दिमागी कमजोरी से बचाव कैसे करें ?

  • इस बिमारी को दूर करने के लिए मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव को कम करके गतिहीनता को दूर किया जाता है। 
  • रोज़ाना एक्सरसाइज़ से भी फायदा पहुंचता है, लेकिन यह उपाय मरीज को पूरी तरह ठीक नहीं कर पाते. इसलिए डाक्टर रोगी की हालत व गतिहीनता को देखकर उपचार करते है।  
  • खानपान की आदतों में भी कुछ बदलाव करके इस बीमारी के जोखिम को घटाया जा सकता है, खाने में फलों और हरी सब्जियां को शामिल करें. अधिक वसा, चिकनाई वाले खाद्य पदार्थो व जंक फूड्स से दूर रहें। 
  • चीनी व नमक का कम उपयोग भी सहायता करता है। 
  • वजन कंट्रोल करने के लिए सुबह टहलने की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

दिमागी इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

आप चाहे तो अपने दिमागी कमजोरी का इलाज न्यूरो सिटी हॉस्पिटल से भी करवा सकते है, क्युकी इस हॉस्पिटल के डॉक्टर इसी समस्या का इलाज करने के अनुभवी माने जाते है।

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