बढ़ते काम की वजह से लोगों में दिमाग की कमजोरी की समस्या देखने को मिल रहीं है, दिमाग की कमजोरी किन कारणों से लोगों में नज़र आती है और लक्षणों की मदद से हम कैसे दिमाग की कमजोरी के इलाज के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है इसके बारे में आज के लेख में बात करेंगे ;
दिमाग में कमजोरी के कारण क्या है ?
- यह बीमारी किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है, लेकिन इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों में अधिक पाया जाता है, जिन्हें धूम्रपान या तंबाकू की आदत होती है और जो लोग मधुमेह, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज आदि बिमारी का सामना कर रहें है।
- इसके अलावा जो लोग व्यायाम नहीं करते, ज्यादा घी का सेवन, तेल खाने वालों में, मोटे लोगो में, तली हुई व चर्बीयुक्त पदार्थ अधिक खाने वालों और ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में भी यह परेशानी अधिक पाई जाती है।
- वहीं कुछ अनुभवी डॉक्टरों का कहना है की आनुवंशिकता और तनाव भी इस बिमारी के कारणों में शामिल है।
लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट की मदद से आप दिमाग में कमजोरी के सटीक कारणों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है।
क्या है दिमाग की कमजोरी ?
- दिमाग को सही ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन चाहिए होता है, यदि दिमाग की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन या अन्य पोषक तत्वों की प्रयाप्त मात्रा नहीं पहुंचती है, तो मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जो दिमागी कमजोरी के रूप में सामने आती है।
- यदि दिमाग के किसी प्रमुख हिस्से में रक्त पहुंचाने वाली कोशिका में थक्का जम जाए तो भी आपको दिमागी कमजोरी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- जब भी दिमाग का दौरा पड़ता है, तो एक मिनट के भीतर ही सभी प्रभावित कोशिकाएं दम तोड़ने लगती है।
दिमाग में कमजोरी के लक्षण क्या है ?
- मांसपेशियों की कमजोरी जिसे नसों की कमजोरी के ही लक्षण में गिना जाता है। दरअसल, इससे शरीर में तालमेल की कमी नजर आती है और ऐसा इसलिए होता है क्युकि दिमाग से शरीर के सभी अंग जुड़े होते है। जब ब्रेन में कमजोरी होती है, तो मांसपेशियों का तालमेल बिगड़ने लगता है।
- अचानक से सिरदर्द या लगातार सिरदर्द का होना दिमाग की नसों की कमजोरी के लक्षण में शामिल है। और ऐसा इसलिए होता है क्युकी दिमाग में कमजोरी के कारण ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन का सर्कुलेशन सही मायने में दिमाग को ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता है।
- नसों की कमजोरी के कारण कई बार झुनझुनी महसूस होती है। इसके अलावा कई बार ऐसा महसूस होता है कि शरीर ने अचानक से अपना आपा खो दिया हो।
- दिमाग में कमजोरी के कारण कई बार हमारे पीठ में भी दर्द की समस्या को हमारे द्वारा देखा जाता है।
- ब्रेन की नसों में कमजोरी होने से कई दफा शरीर में झटके या दौरे आते है। इसके अलावा बोलचाल और याददाश्त से जुड़ी समस्याएं भी देखने को मिलती है। यदि आपके द्वारा भी उपरोक्त लक्षणों का सामना किया जा रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको बेहतरीन डॉक्टर या लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन के संपर्क में आना चाहिए।
दिमाग की नसों को मजबूत करने के लिए क्या खाए ?
- दिमाग की नसों को मजबूत करने के लिए ऐसे ढेर सारे फूड्स है, जो प्राकृतिक रूप से दिमागी शक्ति को बढ़ाने का काम करते है।
- फूड्स की बात करें तो इसमें घी, जैतून का तेल, अखरोट, भीगे हुए बादाम, किशमिश, खजूर और ताजे फल शामिल है। इसके अलावा दालें, बीन्स, पनीर और मटर भी दिमाग को तेज बनाने का काम करती है।
दिमाग की कमजोरी से कैसे करें खुद का बचाव ?
- इस बिमारी को दूर करने के लिए मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव को कम करके गतिहीनता को दूर किया जाता है, इसलिए जरूरी है की आप रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें।
- लेकिन यह उपाय मरीज को पूरी तरह ठीक नहीं कर पाते, इसलिए डॉक्टर रोगी की हालत व गतिहीनता को देखकर उपचार करते है।
- चीनी व नमक का कम उपयोग भी दिमाग को मजबूत बनाता है।
- इस बीमारी से बचाव के लिए आप पौष्टिक चीजों का सेवन करें और ख़राब खाने की चीजों से दुरी बनाए।
यदि आप चाहते है की आपका दिमाग मजबूत हो जाए तो इसके लिए आप न्यूरो सीटी हॉस्पिटल के अनुभवी सर्जन के सम्पर्क में जरूर आए। लेकिन इस हॉस्पिटल का चयन तभी करें जब आपके लक्षण बहुत ज्यादा गंभीर हो जाए।