इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क में उत्पन्न सूजन होती है और मैनिंजाइटिस रीढ़ की हड्डियों को रक्षा करने वाली झिल्लियों की सूजन होती है | इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस दोनों ही शरीर में मौजूद केंद्रीय तंत्रिकाओं को प्रभावित कर देते है | यह स्थिति कुछ वायरल, बैक्टीरियल, फंगल और परजीवी संक्रमणों के परिणामस्वरुप उत्पन्न हो सकते है | दोनों स्थितियों के लक्षण एक समान ही होते है | दोनों स्थिति की जटिलताएं को रोकने में मदद करने के लिए शीघ्र निदान और इलाज की आवश्यकता हो सकती है | 

 

रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क से जुड़े विकार और संक्रमण के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रीय हो सकती है, जिसकी वजह से इनमें सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है | सूजन कई तरह के लक्षणों को पैदा करती है जिसमें शामिल है, सिरदर्द, बुखार, व्यवहार में बदलाव आना, जिससे स्ट्रोक, मस्तिष्क क्षति या फिर जानलेवा साबित भी हो सकता है | मेनिनजेस रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क के आसपास मौजूद एक झिल्ली होती है जिसमें सूजन होने से मैनिंजाइटिस हों सकता  है | वहीं मस्तिष्क के ऊतकों में आये सुजन को इन्सेफेलाइटिस कहा जाता है | आइये जानते है इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर :- 

इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस में नैदानिक अंतर

इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है अंतर ? 

इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस बड़ा अंतर है शरीर के में मौजूद उस हिस्से में है, जो इस स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित होती है | अब अगर मैनिंजाइटिस की बात करें तो यह एक किस्म की मेनिनजेस की सूजन होती है | मैनिंजाइटिस  आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षणों के कारण उत्पन्न होता है | इसलिए इस स्थिति में डॉक्टर आपातकालीन चिकित्सा देखभाल करवाने की सलाह देते है | मैनिंजाइटिस के कुछ जीवाणु कारक, जिनमें मेनिंगोकोल मैनिंजाइटिस भी शामिल होते है, वह बहुत ही ज्यादा संक्रमक होते है | मैनिंजाइटिस किसी भी व्यक्ति को नकारत्मक रूप से प्रभावित कर सकता है | लेकिन ज़्यादातर यह बीमारी शिशुओं, वृद्धों और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए सबसे अधिक हानिकारक होती है | 

 

अब अगर इन्सेफेलाइटिस की बात करें तो यह मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन होता है, जो संक्रमण के दौरान या फिर उसके बाद उत्पन्न होते है, जिसमें टिक्स और मच्छरों द्वारा फैलाए जाने वाले संक्रमण भी शामिल होते है | यह तब विकसित होता है जब आपको ऑटोइम्म्युन से जुड़ी समस्या न हो, क्योंकि इसकी वजह से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ मस्तिष्क के ऊतकों पर हमला कर देती है | इन्सेफेलाइटिस के कारण आमतौर पर हलके फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते है | हालांकि इसके होने के कुछ लोगों में अतिरिक्त लक्षण या फिर कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते है | 

इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस में नैदानिक अंतर

इन अतिरिक्त लक्षणों में शामिल है, बोलने और सुनने की समस्या, गर्दन में अकड़न होना, सुन्नपन महसूस होना, आंशिक पक्षाघात या फिर दौरे भी शामिल हो सकते है | चूँकि इन्सेफेलाइटिस के लक्षणा तेज़ी से बिगड़ते है, इसलिए डॉक्टर इन्सेफेलाइटिस के संदिग्ध मामलों में आपातकालीन में चिकित्सा सहायता लेने के लिए सलाह देता है | इन्सेफेलाइटिस भी किसी वर्ग के लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, हालांकि इसके होने की संभावना केवल कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली से पीड़ित व्यक्तियों में ही सबसे अधिक होती है, जिनमें शिशु से लेकर वृद्धि और प्रतिरक्षा दमनकारी दवाएं लेने वाले लोग भी शामिल होते है | 

 

इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच की समानताएं 

इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस दोनों ही सूजन के कारण बनते है, जो मस्तिष्क और उसके आसपास की संरचना को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है | जबकि सूजन किसी खतरे के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली का एक स्वस्थ कार्य होता है, लेकिन जब मस्तिष्क और उसके आसपास मौजूद में अत्यधिक रूप से सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है तो यह दौरे, स्ट्रोक और अन्य तंत्रिका संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है | 

 

इस दोनों के लक्षण फ्लू की तरह होते है, जो गर्दन में अकड़न और तंत्रिका से जुड़ी लक्षण सहित समस्या को पैदा कर सकती  है | जिनकी स्थिति तेज़ी से बिगड़ने लग जाती है और इसके देखभाल के लिए आपातकालीन सहायता की ज़रुरत पड़  सकती है | बहुत से लोगों में एक ही समय में इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस दोनों के ही विकसित होने के लक्षण दिखाई दे सकते है | दोनों रोगों के कारण स्थायी तंत्रिका से संबंधी क्षति भी हो सकती है, जिसके लिए दीर्घकालिक उपचार, पुनर्निवास और सहायक देखभाल की ज़रुरत पड़ सकती है | 

 

इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस एक दीर्घकालिक और जानलेवा बीमारी है, इसलिए इससे जुड़े लक्षणों को बिलकुल भी नज़रअंदाज़ न करें और इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं | यदि आप में से कोई भी व्यक्ति इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस  की समस्या से परेशान है तो इलाज के लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था में मौजूद डॉक्टर्स पंजाब के बेहतरीन न्यूरोसर्जन और न्यूरोलॉजिस्ट में से एक है, जो इस समस्या को सटीकता से इलाज करने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और इलाज के लिए अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |                

   

      

Send Us A Message

    All About Stroke: Myths And Facts
    Stroke

    All About Stroke: Myths And Facts

    • January 22, 2025

    • 32 Views

    Stroke is the medical condition wherein there is a certain cutoff of…

    Guard Your Heart And Brain: The Cholesterol-Stroke Connection
    Stroke

    Guard Your Heart And Brain: The Cholesterol-Stroke Connection

    • January 17, 2025

    • 27 Views

    Health is considered the foundation of a joyful life, and taking preemptive…

    What is the Definition of Parkinson’s Disease?
    Parkinson's Disease

    What is the Definition of Parkinson’s Disease?

    • January 11, 2025

    • 1212 Views

    Parkinson’s disease is a condition in which the nervous system and the…