हेपेटाइटिस बी और सी क्या होता है, इसके मुख्य लक्षण और कैसे करें पहचान ?

हेपेटाइटिस बी और सी अलग-अलग प्रकार के हेपेटाइटिस संक्रमण होते है, जो लिवर में सूजन का कारण बनते है | यह दोनों संक्रमण खून के ज़रिये फैलते है | लेकिन लोगों को यह दोनों संक्रमण अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है, इसलिए इन  दोनों संक्रमणों का इलाज भी विभिन्न तरीकों से किया जाता है | आइये जानते है हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में विस्तार में और जाने क्या है दोनों संक्रमण के बीच अंतर :- 

 

हेपेटाइटिस बी क्या है ? 

 

हेपेटाइटिस बी शरीर में मौजूद तरल पदार्थ और खून के माध्यम से फैलता है | अधिकतर लोगों को जन्म से या फिर बचपन में ही यह संक्रमण हो जाता है | यदि आप कंडोम के बिना यौन संबंध बनाते है या फिर असुरक्षित प्रक्रिया को करवाते है , तो इसकी वजह से भी हेपेटाइटिस बी संक्रमण हो सकता है | हालाँकि हेपेटाइटिस बी के इलाज के लिए एक टीका मौजूद है, लेकिन हेपेटाइटिस बी संक्रमण से पूर्ण रूप से छुटकारा पाया नहीं जा सकता है | लेकिन घबराएं नहीं ऐसे कुछ उपचार मौजूद है, जो वास्तव में बहुत कारगर साबित होते है, जिसके ज़रिये आपके लिवर में पड़ने वाले प्रभावों को कम करने की कोशिश की जा सकती है |    

हेपेटाइटिस सी क्या है ?   

 

हेपेटाइटिस सी आमतौर पर केवल रक्त के माध्यम से फैलता है | अधिकतर लोग केवल सुई के ज़रिये दवा लेने से हेपेटाइटिस सी संक्रमण से संक्रमित हो सकते है | यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति से टैटू बनवाते है, जो टैटू कलाकार नहीं है, इसकी वजह से भी आप हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो सकते है | इसके अलावा असुरक्षित चिकित्सा प्रक्रियाओं, टीकाकरण कार्यक्रमों या फिर कंडोम के बिना यौन संबंध बनाने से भी आप हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो सकते है | हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए किसी भी प्रकार का कोई भी टीका मौजूद नहीं है लेकिन कुछ ऐसी दवाईयां मौजूद है, जिसके माध्यम से हेपेटाइटिस सी से छुटकारा पाने की कोशिश की जा सकती है | 

 

हेपेटाइटिस बी और सी के बीच क्या है अंतर ? 

 

  • फैलाव :- हेपेटाइटिस बी शरीर में मौजूद तरल पदार्थ और रक्त के ज़रिये फैलता है, जबकि हेपेटाइटिस सी आमतौर पर रक्त के ज़रिये ही फैलता है | 

 

  • इलाज :- हेपेटाइटिस बी के इलाज के लिए टीका मौजूद है, लेकिन पूर्ण रूप से संक्रमण से छुटकारा नहीं पाया जा सकता, जबकि हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए किसी भी तरह का टीका मौजूद नहीं है, लेकिन एंटीवायरल दवाओं से इस संक्रमण को कम करने की कोशिश की जा सकती है | 

 

  • लंबे समय तक रहने वाला खतरा :- हेपेटाइटिस सी संक्रमण 60 से 80 प्रतिशत इससे पीड़ित मरीज़ो में क्रोनिक को विकसित करता है, जबकि हेपेटाइटिस बी अधिकतर मामलों में करीब 6 महीने के अंतर्गत अपने आप ठीक हो जाता है |   

 

  • ऊष्मायन अवधि :- हेपेटाइटिस बी का औसत ऊष्मायन अवधि लगभग 120 दिनों का होता है, जबकि हेपेटाइटिस सी का ऊष्मायन अवधि केवल 45 दिनों तक का होता है | 

 

  • संक्रमण के जोखिम व्यक्ति :- हेपेटाइटिस बी से ज्यादातर लोग, संक्रमित मां से जन्मे बच्चे, हेपेटाइटिस बी से पीड़ित से यौन संबंध बनाने से या फिर एक से अधिक यौन संबंध बनाये व्यक्ति के साथ संबंध से भी संक्रमित हो सकते है | इसके अलावा जो व्यक्ति पहले से ही या फिर वर्तमान में भी इजेक्शन के ज़रिये नशीली दवाएं लेता है, वह व्यक्ति हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो सकता है | 

 

 हेपेटाइटिस बी और सी के मुख्य लक्षण क्या है ? 

 

 हेपेटाइटिस बी और सी के मुख्य लक्षण कुछ इस प्रकार है :- 

 

  • थकान महसूस होना 
  • मतली होना 
  • भूख न लगना 
  • पेट में दर्द होना  
  • हल्का बुखार होना 
  • त्वचा या आंखों का पीला होना
  • गहरे रंग का पेशाब होना 
  • जोड़ों में दर्द होना 
  • पेट का खराब होना और उल्टी होना 
  • खून की उल्टी होना या फिर मल के साथ खून का आना 

   

 हेपेटाइटिस बी और सी संकर्मण से जुड़े कुछ ज़रूरी बातें 

 

  • संक्रमण से संक्रमित होने के बाद पहले के एक-दो हफ्ते पीड़ित व्यक्ति को किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते है | 
  • हेपेटाइटिस बी और सी क्रोनिक हो जाने पर, इसका सालों तक कोई लक्षण दिखाई नहीं देता | 
  • हेपेटाइटिस बी और सी के लक्षण एक समान ही होते है | 
  • हेपेटाइटिस बी संक्रमण को टीकाकरण से रोका जा सकता है | 
  • ज्यादातर मामलों हेपेटाइटिस बी अपने आप ही ठीक हो सकता है, लेकिन इसके क्रोनिक होने की संभावना सबसे अधिक होती है, जो लिवर को गंभीर रूप से नुकसान पहचान एक कार्य कर सकता है |   

हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण की पहचान कैसे करें ?    

 

हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण की पहचान के लिए पीड़ित मरीज़ का रक्त परिक्षण किया जाता है | यदि परीक्षण के दौरान इन दोनों सक्रमणों में से किसी भी एक के लक्षण सामने आते है तो इसके इलाज के लिए आगे की प्रक्रिया को शुरू किया जाता   है | अगर आप ऊपर बताये गए किसी भी लक्षणों से गुजर रहे है तो बेहतर यही है की आप डॉक्टर से पास जाएं और इस समस्या की जाँच-पड़ताल करवाएं, ताकि इस संक्रमण से पड़ने वालों प्रभावों को कम करने में सहायता प्राप्त हो सके, क्योंकि स्थिति गंभीर होने पर यह क्रोनिक में तब्दील हो सकता है, जो गंभीर रूप से आपके लिवर को प्रभावित करने के सक्षम होता है | 

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति ऐसी परिस्थिति से गुजर रहा है और अपना इलाज करवाना चाहते है तो इसमें न्यूरोसिटी हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इस संस्था के डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन क्लीनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट में से एक है, जो इस समस्या के प्रभावों को कम करने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |     

Send Us A Message

    Modify Your Lifestyle To Ease Migraine Pain.
    Migraine

    Modify Your Lifestyle To Ease Migraine Pain.

    • August 25, 2025

    • 214 Views

    Even having a simple headache for a few hours can ruin the…

    A Glimpse of How Glial Cells Fix the Brain
    Brain injury

    A Glimpse of How Glial Cells Fix the Brain

    • August 23, 2025

    • 376 Views

    Responsible for protecting the neurons, glial cells are the core cells that…

    Keyhole Brain Surgery: Bringing a Revolution to Neurosurgery
    brain surgery

    Keyhole Brain Surgery: Bringing a Revolution to Neurosurgery

    • August 15, 2025

    • 814 Views

    There is no doubt about the fact that neurosurgery has been linked…