लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया क्यों अधिक चिंतन की वजह से लोग हो रहे दिमाग के मरीज़

न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना: आज के इस विषय में हम बात करेंगे की कैसे लोग अधिक चिंतन की वजह से माइग्रेन जैसी बड़ी बीमारी का सामना करते है,और कैसे वो डॉक्टर की मदद से खुद को इस बीमारी से बहार निकालने में सफल हो पाते हैं |

माइग्रेन होता क्या हैं….

  • माइग्रेन को हम आम भाषा में एक प्रकार का तेज सिरदर्द भी कह सकते हैं।
  • यह घबराहट, उल्टी, तेज़ प्रकाश और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षणों के साथ भी हो सकता है।
  • बता दे कि कई लोगों को यह दर्द सिर के एक तरफ ही महसूस होता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि माइग्रेन या सिरदर्द अक्सर युवावस्था में शुरू होता है और 35 से 45 वर्ष की आयु के लोगों को सबसे अधिक प्रभावित भी करता है।

यहाँ पर ये भी गौरतलब है की माइग्रेन समान्य सिर दर्द से काफी अलग होता है, क्युकि इसमे जो दर्द होता है वो काफी तेज होता है, और कभी-कभी बर्दाशत से बाहर भी हो जाता है। जैसे-

कुछ लोगों को हर हफ्ते एक से ज्यादा बार ये होता हैं, जबकि अन्य को कभी-कभार ही ऐसा होता हैं। बता दे कि वैश्विक अध्ययनों से पता चला है कि दुनिया की लगभग 1% आबादी को क्रोनिक माइग्रेन होने की संभावना हो सकती है।

लक्षण क्या हैं माइग्रेन के….

  • बता दे की प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना
  • थकान महसूस होना
  • भोजन की लालसा या भूख की कमी होना
  • मनोदशा में बदलाव आना
  • ज्यादा प्यास लगना
  • कब्ज या दस्त की परेशानी होना

अब हम जानेगे की माइग्रेशन होता क्यों हैं….

माइग्रेन के कारण को साफतौर पर पता नही लगाया जा सकता है। लेकिन हां ये दिमाग में होने वाले बदलाव के कारण हो सकता हैं और हा आनुवंशिक विशेषताओं में भी अटैक आने का एक कारण हो सकता हैं, क्योंकि परिवार का इतिहास होना माइग्रेन का एक सामान्य जोखिम कारक है। माइग्रेन से पीड़ित अधिकांश लोगों को अचानक ही अटैक आता है और फिर उससे लोगो को काफी परेशानी भी होती हैं जिसका सामना करना मुश्किल सा हो जाता है और कुछ दिमाग से जुडी नसों को भी काफी हद तक बारीकी से जोख़िम भी पहुँचता हैं जैसे-

  • नर्वेस कोम्युनिकेशन
  • रसायनों का संतुलन
  • रक्त वाहिकाएं

अब कुछ लोगो के दिमाग में ये बात भी आ रही होगी कि माइग्रेन का कोई इलाज है या नहीं…..

 माइग्रेन का कोई पक्का इलाज तो नही है, लेकिन हा इसके लक्षणों का इलाज कर हम इसे काबू मे रख सकते है और लक्षणों के बारे में हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं |

  • दूसरा डॉक्टर से सही सलाह ले और अक्सर उनके सम्पर्क मे रहे ताकि आपको काफी सहायता मिल सके |

माइग्रेन से खुद का बचाव कैसे करें….                        

  • माइग्रेन के ट्रीगर को पहचाने जैसे की कब दर्द शुरु होता है और किस स्थिति मे यह तेज हो जाता है।
  • तनाव ना ले और अपने दिमाग को तनावमुक्त रखे और बेहतरीन तरीके से नींद ले।
  • नशे वाले पदार्थ से जितना हो सके दूर रहे।
  • प्रतिदिन योग करे और ध्यान लगाए, शुरुआत आप कुछ मिनट से भी कर सकते है लेकिन इसे निरंतर दिनचर्या मे शामिल जरूर करे।
  • सर मे किसी तरह का दर्द कई दिनो तक रहे तो डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करे।
  • खुद को हाईड्रेट रखे, पानी की कमी बिल्कुल भी ना होने दे।

निष्कर्ष….

जैसेकि हमने माइग्रेन से जुड़ी तकरीबन बातें आपके साथ सांझी की और अगर आपको थोड़ा भी अगर माइग्रेन होने का अनुभव होता है तो अपने नज़दीकी डायग्नोस्टिक से संपर्क जरूर करे या फिर लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसिटी अस्पताल में जरूर एक बार जाए ताकि आपको आपकी परेशानी का समाधान आसानी से मिल सके||

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