महिलाओं में कमर दर्द के कारणों को जानकर कैसे उनका बचाव कर सकते है ?

कमर दर्द की समस्या महिलाओं में काफी गंभीर मानी जाती है, क्युकी इसके कारण महिलाओं के रोजाना जीवन पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। वहीं कमर दर्द की समस्या महिलाओं को क्यों सताती है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे, और साथ ही इसके कारण क्या हो सकते है और इससे महिलाएं किस तरह से खुद का बचाव कर सकते है, और इस दौरान उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस पर खास ध्यान रखने की जरूरत है ;

महिलाओं में कमर दर्द की समस्या क्या है ?

  • कमर दर्द या पीठ में दर्द की समस्या से अक्सर लोग परेशान रहते है, क्योंकि यह समस्या काफी आम है। 
  • वहीं कमर दर्द या पीठ दर्द की समस्या सबसे ज्यादा 40 साल की उम्र के बाद शुरू होती है, लेकिन एक शोध की मानें तो यह समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखी जाती है और उनमें यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है।  
  • बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान की वजह से कमर दर्द की समस्या से तमाम महिलाएं जूझ रही है, महिलाओं में यह समस्या पीरियड्स और प्रेगनेंसी के दौरान सबसे ज्यादा होती है। 
  • इसके अलावा महिलाओं में कमर दर्द की समस्या के पीछे कई कारण हो सकते है, अधिकतर महिलाएं कमर दर्द की समस्या से बचने के लिए तमाम प्रकार की दवाओं का सेवन करती है, लेकिन फिर भी उन्हें इस समस्या से पूरी तरह आराम नहीं मिलता है।  
  • ऐसा नहीं है कि कम उम्र की महिलाओं को कमर दर्द नहीं होता है, युवा महिलाओं में कमर दर्द के कारण मांसपेशियों में मोच, झटका, हर्नियेटेड या डिजेनरेटेड डिस्क या साइटिका जैसी समस्याएं आ सकती है। इसके अलावा महिलाओं में पीठ दर्द के कई कारण हो सकते है, जैसे प्रीमेंस्टुअल सिंड्रोम, एंडोमेट्रियोसिस, डिसमेनोरिया यानी दर्द वाले पीरियड्स और प्रेग्नेंसी आदि। 

महिलाओं में कमर दर्द के सामान्य कारण क्या है ?

  • जब आप काम के लिए लंबे समय तक बैठे रहते है या आपको चलने-फिरने में आलस आता है, तो आपको पीठ दर्द, जकड़न या बेचैनी हो सकती है। वहीं जब आप लंबे समय तक बैठते है, तो निष्क्रियता के कारण आपकी पीठ की मांसपेशियां लॉक हो सकती है और आपको दर्द महसूस होता है। इसलिए, जब भी आपको आराम करने का समय मिले तो बस अपनी मांसपेशियों को स्ट्रेच करें।
  • लंबे समय तक स्क्रीन पर रहना आपके आसन को प्रभावित कर सकता है और खराब आसन पीठ दर्द का कारण बन सकता है या आपके मौजूदा दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए न केवल स्क्रीन टाइम बल्कि आपके खड़े होने या चलने की शैली भी आपके आसन को प्रभावित कर सकती है। गलत मुद्रा से मांसपेशियों और स्नायुबंधन पर तनाव बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पीठ दर्द की समस्या होती है।
  • इसके अलावा महिलाओं में कमर दर्द के कारण को चोट लगने की श्रेणी में भी गिना जाता है। मांसपेशियों के अत्यधिक उपयोग या मोच जैसी चोटें आमतौर पर भारी सामान उठाने या अचानक हिलने-डुलने के कारण होती है, जिससे पीठ के मध्य या निचले हिस्से में दर्द की समस्या बनती है। गर्भावस्था में मांसपेशियों के अत्यधिक उपयोग से ये चोटें आम हो जाती है।
  • कई महिलाओं को मासिक धर्म से पहले प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) की स्थिति हो जाती है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पेट में दर्द, सिरदर्द, मूड में बदलाव आदि जैसे इसके लक्षण में शामिल है।
  • अत्यधिक दर्दनाक मासिक धर्म भी महिलाओं में कमर दर्द के कारण में शामिल हो सकते है। कभी-कभी, कुछ महिलाओं में यह इतना गंभीर हो सकता है। वहीं इस समस्या से गंभीर पेट दर्द, पैर दर्द, कूल्हे दर्द की समस्या भी बढ़ जाती है। दर्द हल्के से गंभीर तक होता है और 3-4 दिनों तक रहता है।  
  • कटिस्नायुशूल, कटिस्नायुशूल तंत्रिका के संपीड़न के कारण होता है। आपके पैर के पिछले हिस्से में मौजूद सायटिक तंत्रिका निचली रीढ़ से आपके पैर तक जाती है। सायटिका में जलन या सदमा जैसे दर्द का होना है।
  • मांसपेशियों में मोच का आना और यह उन लोगों में आम है, जो अनुचित तरीके से या अचानक चलते हुए अधिक वजन उठाते है। लक्षणों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न शामिल है। तो ऐसी अवस्था में जितना हो सकें आराम करें और यदि आवश्यक हो तो दर्दनिवारक दवाएं आपकी शिकायतों को कम कर सकते है।

कमर दर्द की समस्या से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • कमर या पीठ दर्द की समस्या में एक्सरसाइज महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इसलिए प्रत्येक प्रकार के व्यायाम जैसे एरोबिक्स, फ्लेग्जिबिलिटी एक्सरसाइज, बैलेंसिंग जैसी एक्सरसाइज, कमर दर्द जैसी समस्याओं को ठीक करने और पीठ के निचले हिस्से में दर्द को रोकने में प्रमुख रूप से मददगार साबित होते है। वहीं हाल ही के एक शोध में ये बात स्पष्ट हुई है की कमर दर्द का जोखिम उन महिलाओं में सबसे कम है जो हफ्तें में कम से कम 3 से 5 बार व्यायाम करती है। 
  • कमर दर्द में कोशिश करें की अपनी रीढ़ को सीधा रखने का प्रयास करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करते समय विटामिन-डी और कैल्शियम की खुराक लेने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।  
  • डॉक्टर वजन घटाने के लिए कई सुझाव देते है, जिसमें ज्यादा वजन वाली महिलाओं को कम वजन बनाए रखने की सलाह दी जाती है। क्युकि अधिक वजन से कमर की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है। यदि आप अधिक वजन वाले है, तो इसे कम करने से पीठ दर्द को रोका जा सकता है।
  • एक पारस्परिक कुर्सी चुनें जो पीठ के निचले हिस्से और हाथों को सहारा दे। कमर का टेढ़ापन सामान्य रखने के लिए कमर के पीछे एक तकिया या तौलिया मोड़कर रखें। अपने घुटनों और कूल्हों की स्थिति समान रखें। अपने बैठने की मुद्रा को कम से कम हर आधे घंटे में बदलते रहें। 
  • किसी भी तरह के वजन को सावधानी से उठाएं और भारी वस्तुओं को उठाने से बचें, लेकिन अगर आपको वजन उठाना ही है, तो अपने पैरों को काम करने दें। अपनी पीठ सीधी रखें, घूमें नहीं और केवल घुटनों के बल झुकें। वजन को अपने शरीर के करीब रखें। यदि वस्तु भारी है, तो उसे उठाने के लिए एक अन्य व्यक्ति की मदद लें।

अगर कमर दर्द इन बातों का ध्यान रख कर ठीक न हो तो इसके लिए आपको लुधियाना में कमर दर्द का इलाज जरूर से करवाना चाहिए।

कमर दर्द के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

  • कुछ लोग ऐसे होते है, जिन्हें पीठ दर्द के लिए सर्जरी की जरूरत होती है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है। यदि आप तंत्रिका संपीड़न के कारण पैर में दर्द या मांसपेशियों की कमजोरी के साथ असहनीय दर्द से पीड़ित है, तो आपको सर्जरी से लाभ हो सकता है।
  • वहीं कमर दर्द का इलाज आप चाहें तो इसका अच्छे से ध्यान रख कर भी कर सकते है। 
  • इसके अलावा अगर आपको गंभीर कमर दर्द के लिए सर्जरी का सहारा लेना पड़े, तो इसके लिए आप न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन कर सकते है। 

निष्कर्ष :

कमर दर्द की समस्या खास कर महिलाओं में काफी गंभीर मानी जाती है, क्युकि इसके कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं कमर दर्द के लिए हमे किस तरह की बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में भी आपको उपरोक्त बता चुके है, और ध्यान रहें गंभीर कमर दर्द की समस्या के लिए आप किसी भी तरह के उपाय या दवाई का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

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