मस्तिष्काघात जोकि हमारे दिमाग पर लगने वाली चोट की वजह से होती है, इसके कारण व्यक्ति को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वही मस्तिष्काघात होने पर हमे कौन-से प्राथमिक उपचार के बारे में पता होना चाहिए, इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे तो अगर आप भी सामान्य चोट या किसी अन्य सिर दर्द की समस्या से परेशान है तो आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें ;
क्या होता है मस्तिष्काघात ?
- मस्तिष्काघात तब होता है जब सिर (चेहरे या गर्दन) या ऊपरी शरीर पर हल्की चोट लगने से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। सिर को जोर से हिलाने से भी मस्तिष्काघात हो सकता है।
- आघात से मस्तिष्क की अस्थायी कार्यप्रणाली और वैकल्पिक मानसिक स्थिति का नुकसान होता है। यदि उपचार न किया जाए, तो यह पुरानी स्थिति शरीर व मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है।
दिमागी जाँच या मस्तिष्काघात के बारे में जानने के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए।
मस्तिष्काघात या आघात के लक्षण क्या है ?
- भूलने की बीमारी या स्मृति हानि, जिसके परिणामस्वरूप उस घटना को भूल जाते हैं जिसके कारण मस्तिष्काघात हुआ था।
- सिरदर्द की समस्या।
- मतली और उल्टी की समस्या।
- कानों में आवाज का आना।
- थकान और चक्कर आना।
- धुंधली दृष्टि या देखने में परेशानी आ आना।
- भ्रम की भावना का आना।
- बोलने में देरी की समस्या।
- चेतना का नुकसान होना।
- चिड़चिड़ापन और व्यक्तित्व में अन्य परिवर्तन का आना।
- नींद में परेशानी का सामना करना।
- चीजों को भूल जाना।
- प्रकाश या शोर संवेदनशीलता महसूस करना आदि।
यदि आपके दिमाग पर गहरा आघात हुआ है जिसकी वजह से आपको सर्जरी का सहारा लेना पड़े तो इसके लिए आप लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन कर सकते है।
मस्तिष्काघात या आघात के लिए कौन-सी प्राथमिक चिकित्सा का चयन करें ?
- जब किसी को सिर में चोट लगती है, तो हमेशा मान लेना चाहिए कि इससे मस्तिष्काघात हो सकता है। क्युकि ऐसा मान लेना से आप स्थिति को संभालने में सफल साबित होंगे।
- इसके बाद आपको व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना चाहिए।
- यदि आप आघात के वक़्त गंभीर लक्षण देखते है, तो तत्काल आपको चिकित्सा सहायता का चयन करना चाहिए।
- सुनिश्चित करें कि व्यक्ति सांस ले रहा है और उसे सांस लेने में कोई परेशानी नहीं हो रही है।
- वे सामान्य व्यवहार कर सकते है जैसे की उन्हें चोट लगा ही न हो।
- पीड़ित को शराब न पीने दें।
- चोट लगने के बाद रोगी का निरीक्षण करें क्योंकि लक्षण देर से दिखाई दे सकते है।
मस्तिष्काघात होने पर डॉक्टर का चयन कब करना चाहिए ?
- जब होश 30 सेकंड से अधिक समय न आए।
- तीव्र सिरदर्द जो समय के साथ बिगड़ जाता है।
- नाक या कान से खून बहना या तरल पदार्थ का निकलना।
- कानों में लगातार बजने जैसा कुछ सुनाई देना।
- देखने में परेशानी का सामना करना।
- भटकाव और भ्रम की समस्या आदि।
मस्तिष्काघात के जोखिम कारक क्या है ?
- फ़ुटबॉल, बॉक्सिंग, रग्बी आदि जैसे उच्च जोखिम वाले खेल खेलते समय चोट का लगना।
- सही सुरक्षा उपकरण के बिना खेलते जाना।
- शारीरिक शोषण का अनुभव करना या लड़ाई में शामिल होना।
- अगर आप कार दुर्घटना या मोटरसाइकिल दुर्घटना से ग्रस्त है।
- पिछला चिकित्सा इतिहास आघात के लिए महत्वपूर्ण है।
सुझाव :
- अगर आपके सिर में गंभीर चोट लग गई है तो इससे बचाव के लिए आपको बिना समय गवाए न्यूरो सीटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।
निष्कर्ष :
- लक्षण ज्यादा गंभीर होने पर खुद से प्राथमिक चिकित्सा करने से बचे और समय रहते जोखिम हुए व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाए।