क्या मिर्गी और दौरे पड़ना एक ही बात होती है ? जाने एक्सपर्ट्स से क्या है इन दोनों समस्याओं में अंतर ?

मिर्गी और दौरे: क्या हैं इनके बीच के अंतर?

क्या मिर्गी और दौरे पड़ना एक ही बात होती है ? जाने एक्सपर्ट्स से क्या है इन दोनों समस्याओं में अंतर ?

लोगों में दौरे और मिर्गी को लेकर काफी गलत फहमियाँ फैली हुई है, उनके मुताबिक मिर्गी को ही दौरे का विकार माना जाता है | लेकिन आपको बता की मिर्गी और दौरे पड़ना दोनों ही बहुत अलग समस्या है, क्योंकि दोनों समस्या का संबंध शरीर के अलग-अलग विकारों से होता है, आइये एक्सपर्ट्स से जानते है मिर्गी होने के कारण और दौरे को ट्रिगर करने वाली चीज़ों के बीच क्या अंतर है ? 

 

मिर्गी और दौरे के बीच क्या अंतर है ? 

High-stress individual experiencing anxiety, surrounded by aggressive behavior in a therapy session.

न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अरुण कुमार धानुका, जो की न्यूरोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट है, उनका कहना है की एक व्यक्ति को दौरे तब पड़ते है, जब मस्तिष्क में मौजूद तंत्रिका कोशिकाएं, जिसे न्यूरॉन्स भी कहा जाता है, शरीर को गलत संकेत भेजना शुरू कर देते है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब न्यूरॉन्स शरीर को एक ही समय में एकसाथ संकेत भेजना शुरू कर देता है तो इससे मस्तिष्क में विद्युत गतिविधियों का उछाल आ जाता है | जिसकी वजह से अनैच्छिक गति के साथ-साथ व्यक्ति के भावनाओं और व्यवहार में भी काफी बदलाव आने लग जाते है, जिससे दौरे पड़ने वाला व्यक्ति अपनी चेतनाओं को खोने लग जाता है | 

 

एक आंकड़े के अनुसार लगभग 10 में एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में दौरे पड़ने का अनुभव ज़रूर करता है | लेकिन यह ज़रूरी नहीं होते कि अगर किसी व्यक्ति को दौरे पड़ने की समस्या हो तो उससे मिर्गी की ही बीमारी है | ऐसे बहुत से कारण होते है, जिसकी वजह से व्यक्ति को दौरे पड़ सकते है | लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है की आपका मस्तिष्क बार-बार दौरे के लिए अतिसंवेदलशील होता है | उदाहरण के तौर पर बात करें तो यदि आपको मधुमेह है और आपका रक्त शर्करा काफी कम हो गया है, तो यह दौरे पड़ने का कारण बन सकता है | 

 

दौरे को उकसाए और बिना उकसाए वर्गीकृत किया जा सकता है | कम रक्त शर्करा, बहुत तेज़ बुखार, शराब और ड्रग्स जैसे नशीली पदार्थों का सेवन और मस्तिष्क में लगे गंभीर चोट या फिर स्ट्रोक के कारण दौरे को उकसाया जा सकता है | हालाँकि बिना उकसाये वाले दौरे को चिकित्सिक स्थिति के साथ जोड़ा नहीं जा सकता है, क्योंकि कुछ व्यक्तियों के मस्तिष्क में कोशिकाओं की सरंचना ऐसी होती है, जो बिना उकसाये ही व्यक्ति में दौरे की स्थिति को उत्पन्न कर सकता है, जिससे मिर्गी के दौरे पड़ना भी कहा जाता है | आइये जानते है मिर्गी के दौरे पड़ने के प्रमुख कारण क्या होते है :- 

 

मिर्गी के दौरे पड़ने का प्रमुख कारण क्या है ? 

 

मिर्गी के दौरे कई कारणों से पड़ सकते है जैसे की :- 

 

  • मस्तिष्क में ट्यूमर मौजूद होना 
  • मस्तिष्क में स्ट्रोक या फिर चोट का लगना 
  • न्यूरोसेंटीमेटर नामक तंत्रिका-साकेत रसायनों का असंतुलन होना 
  • अनुवांशिक कारणों से 
  • जन्म से पहले शिशु के दिमाग में चोट का लगना 
  • अत्यधिक या फिर नशीली दवाओं के सेवन से 
  • भोजन छोड़ना 
  • तनाव 
  • विटामिन और खनिज जैसे पौष्टिक तत्वों की कमी होना 
  • हार्मोनल परिवर्तन 
  • अपर्याप्त नींद या फिर ख़राब नींद का होना आदि | 

मिर्गी के दौरे को नियंत्रित कैसे करें ? 

 

डॉक्टर अरुण कुमार धानुका का कहना है की मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी डॉक्टर द्वारा निर्धरित की गयी दवाओं को नहीं छोड़ना चाहिए | ऐसा करने से आप मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकते है | यदि आपको स्थिति गंभीर लग रही है तो इससे बिलकुल भी नज़र-अंदाज़ न करें, तुरंत ही डॉक्टर के पास जाए और इस स्थिति की जाँच-पड़ताल करवाएं, क्योंकि स्थिति गंभीर होने यह बहुत बड़ी बीमारी का कारण भी बन सकती है | मिर्गी से पीड़ित मरीज़ों के लिए अब दौरे पर प्रबंधित लगाने के लिए कई अधिक और नए तरीके उपलब्ध है, जिसकी मदद से आप मिर्गी के दौरे से पड़ने वाले प्रभावों को कम कर सकते है | 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति मिर्गी या फिर दौरे पड़ने की समस्या से पीड़ित है और अपना इलाज करवाना चाहता है तो इसमें न्यूरोसिटी हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अरुण कुमार धानुका पंजाब के बेहतरीन न्यूरोलॉजिस्ट में से एक है, जो पिछले 18 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसलिए अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |  

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