ब्रेन फॉग जैसी खतरनाक बीमारी से हम कैसे खुद का बचाव कर सकते है ?

क्या आपने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया है जहां आपको किसी विचार को संसाधित करने में कठिनाई होती है या अस्पष्ट सोच का आपको सामना करना पड़ता है, तो समझ लें की आपको ब्रेन फॉग जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं ब्रेन फॉग एक चिकित्सीय स्थिति नहीं है, बल्कि लक्षणों का एक समूह है जहां व्यक्ति को सोचने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, एक विचार पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता होती है, और अपने विचारों से उचित वाक्य बनाने में असमर्थता का सामना करना पड़ता है, तो इससे बचाव के लिए आपको लेख के साथ अंत तक बने रहना है ;

ब्रेन फॉग क्या है ?

  • ब्रेन फॉग की बात करें तो ये एक चिकित्सा स्थिति नहीं है, बल्कि संज्ञानात्मक शिथिलता से जुड़े लक्षणों का एक समूह है, जहां एक व्यक्ति की याददाश्त तेज नहीं होती है या उसमें फोकस की कमी होती है। ब्रेन फॉग वाले व्यक्ति को विचारों को संसाधित करने, किसी भी स्मृति को याद करने, ध्यान केंद्रित करने या ध्यान देने में कठिनाई, मानसिक थकान आदि जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • हालांकि इस समस्या को गंभीर नहीं कहा जा सकता लेकिन हां ये समस्या आए दिन बहुत आम होती जा रही है, इसके अलावा मस्तिष्क कोहरे से व्यक्ति की बुद्धि खराब नहीं होती है, न ही यह बिगड़ती है, लेकिन व्यक्ति को नियमित काम करने में कठिनाई हो सकती है और वह अवसाद और कम आत्म-सम्मान से पीड़ित हो सकता है। 

ब्रेन फॉग के कारण क्या है ?

ब्रेन फॉग के कई कारण हो सकते है, जिसके बारे में हम चर्चा करेंगे जिसको जानने के बाद आप काफी हद्द तक इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है, तो कारणों की बात हम निम्न में करेंगे ;

  • वहीं आज के समय की बात करें तो 80 प्रतिशत लोग स्ट्रेस में रहते है। और वह स्ट्रेस किसी भी कारण हो सकता है, जो की सीधे आपके दिमाग पर इफेक्ट डालता है। जिससे आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जो कि कई बार डिप्रेशन या क्रॉनिक स्ट्रेस तक पहुंत जाता है। जोकि कई मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते है जिसको हम ब्रेन फॉग के कारण में शामिल कर सकते है।
  • विटामिन बी-12 दिमाग के लिए आवश्यक है। इसकी कमी भूलने की समस्या को बढ़ा सकता है। ब्रेन फंक्‍शन को सही तरीके से चलाने के लिए विटामिन-ई और विटामिन-सी भी आवश्यक है। इसके अलावा अंडे, मछली, आटा, मेवा, सोया मिल्क या किसी अन्य खाद्य पदार्थ से एलर्जी के कारण भी ब्रेन फॉग की समस्‍या हो सकती है।
  • ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि आपको केवल खराब डाइट या फिर स्ट्रेस के कारण ही ब्रेन फॉग की समस्या होती है, बल्कि ये समस्या डिप्रेशन, नीमिया, डायबिटीज, माइग्रेन, अल्जाइमर, कैंसर ट्रिटमेंट आदि के कारण भी हो सकता है।

इसके कारणों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।

ब्रेन फॉग के दौरान लक्षणों का कैसे पता लगाए ?

  • एकाग्रता में कमी का आना। 
  • स्मृति हानि की समस्या। 
  • धुंधला या फीका विचार। 
  • अत्यधिक थकान और नींद का महसूस होना। 
  • खुद को निराश महसूस करना। 
  • कम आत्म सम्मान। 
  • स्कूल और काम पर खराब प्रदर्शन। 
  • शब्दों का उपयोग करके वाक्य बनाने में असमर्थता का सामना करना। 
  • एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित न कर पाना। 
  • किसी योजना को करने में, किसी समस्या का समाधान करने या सामग्री को व्यवस्थित करने में असमर्थ होना।

अगर आप ब्रेन फॉग की समस्या का सामना दिमाग में चोट लगने के कारण कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए।

ब्रेन फॉग से इलाज व बचाव के क्या तरीके है ?

ब्रेन फॉग से बचाव करने में काफी समय लग सकता है, क्युकी ये कही न कही हमारे दिमाग के लिए खतरनाक है इसलिए जरूरी है की अगर आपके दिमाग में सामान्य सी भी समस्या आ जाए तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द अनुभवी डॉक्टर के सम्पर्क में आना चाहिए, वहीं इस समस्या से बचाव के लिए हमे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में हम निम्न में चर्चा करेंगे ;   

  • जैसे आप ब्रेन फॉग की समस्या से निजात पाना चाहते है, तो इसके लिए आपको पर्याप्त नींद लेना चाहिए, क्युकी नींद हमारे दिमाग को शांत करती है और थकावट से भी हमारे दिमाग की रक्षा करती है।
  • इस समस्या से बचाव के लिए आपको जितना हो सके तनाव कम करना चाहिए। 
  • शराब, सिगरेट और अत्यधिक मात्रा में कैफीन के सेवन से खुद का बचाव करें ।
  • निम्न रक्त हीमोग्लोबिन स्तर (एनीमिया) से पीड़ित व्यक्ति के लिए, एनीमिया के इलाज के लिए दवा और पूरक आहार लेना महत्वपूर्ण है। आयरन की बढ़ी हुई खुराक लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में मदद कर सकती है, जो आपके मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करती है।
  • नियमित व्यायाम करने से रक्त परिसंचरण में सुधार हो सकता है, रक्तचाप सामान्य हो सकता है, आप सक्रिय हो सकते है और मस्तिष्क के कार्य में सुधार हो सकता है। मोटापा भी ब्रेन फॉग पैदा करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसलिए मोटापे को कम करें।
  • अपने शौक को न छोड़े, समाजीकरण करने या पहेली सुलझाने जैसे खेल खेलने आदि में आनंद लें, क्योंकि यह तनाव को कम करने और एकाग्रता में सुधार करने में आपकी मदद करते है।
  • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए आहार में सुधार या स्वस्थ भोजन करना आवश्यक है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैलोरी, विटामिन आदि से भरपूर खाद्य पदार्थ याददाश्त को तेज करने में मदद कर सकते है। इसलिए नियमित रूप से फल, सब्जियां, अंडे, दूध, वसा खाने से मस्तिष्क कोहरे के इलाज के लिए पर्याप्त खनिज मिल सकती है। वहीं डिहाइड्रेशन को ठीक करने के लिए खूब पानी या तरल पदार्थ का सेवन करें। 

ध्यान देने योग्य बात !

अगर आप ब्रेन फॉग जैसी गंभीर समस्या का सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको न्यूरो सिटी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए और ध्यान रहें लक्षण सामान्य से भी नज़र आने पर आपको इसके इलाज के लिए डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए।

निष्कर्ष :

दिमागी फॉग की समस्या को कृपया नज़अंदाज़ न करें क्युकी हमारा समस्त शरीर दिमाग के इशारे पर ही काम करता है, इसलिए जरूरी है की दिमाग हमारा सुचारु रूप से चलता रहें। वहीं दिमागी समस्या के इलाज के लिए किसी भी तरह के उपाय को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

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