जो लोग कंफ्यूज रहते हैं उनमें कमजोर होती हैं ये तंत्रिका कोशिकाएं, ब्रेन का कौन सा पार्ट होता है तुक्का मारने में जबरदस्त, जाने डॉक्टर से

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जो लोग कंफ्यूज रहते हैं उनमें कमजोर होती हैं ये तंत्रिका कोशिकाएं, ब्रेन का कौन सा पार्ट होता है तुक्का मारने में जबरदस्त, जाने डॉक्टर से

दिमाग हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारे हर फैसले को लेकर अलग -अलग तरह की प्रक्रियाओं को करता है। इन पर्किर्यायों में आपकी प्रतिक्रियाशीलता को अलग-अलग गति से रिकॉर्ड करना शामिल है। आम तौर पर, इस तरह तरह की स्थिति के कारण, हम कुछ लोगों को एक्टिव और कुछ लोगों को स्लो समझा बैठते हैं, जबकि इस में उनकी किसी भी तरह की कोई गलती नहीं होती है। आम तौर पर, इसी तरह हमारा दिमाग भी फैसला लेने में एक महत्वपूर्ण भूमिका को निभाता है। आपको बता दें, कि हाल ही में आये एक शोध में, जो लोग ज्यादातर फैसला लेने में और कंफ्यूज रहते हैं, उनके दिमाग के बारे में एक खास खुलासा हुआ है। आम तौर पर, अगर इस शोध पर विश्वास किया जाये, तो डिसीजन मेकिंग यानी कि हमारे फैसला लेने की शक्ति और गति असल में, हमारे दिमाग के न्यूरॉन की फायरिंग दर की गति के साथ जुड़ा हुआ है। वो कैसे? तो आइये इस लेख के माध्यम से इस शोध के बारे में इस के डॉक्टर से विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

यह शोध फैसला लेने के बारे में क्या कहती है?

आपको बता दें, कि जर्मनी की बॉन विश्वविद्यालय ने इस विषय पर ख़ोज की है, जो आम तौर पर, बायोलॉजी करेंट जर्नल में प्रकाशित हुई है। दरअसल, इस खोज में बताया गया है, कि किस तरीके से तंत्रिका कोशिकाओं की पहचान की जाती है, जो आम तौर पर, इस प्रक्रिया के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। इसके साथ ही, इस खोज में पाया गया है, कि फैसला लेने में विश्वास का स्तर, दरअसल न्यूरॉन की फायरिंग दर की गति के साथ जुड़ा हुआ होता है। आम तौर पर, ख़ोज बताती है, कि दिमाग के टेम्पोरल लोब के न्यूरॉन्स में बिजली की तरंगों की बड़ी हुई आवृत्ति फैसला लेने की शक्ति की गति को किस तरीके से तेज करती है। वहीं इसकी सहायता से एक व्यक्ति को फैसला लेने में काफी ज्यादा मदद प्राप्त होती है। 

क्या तंत्रिका कोशिकाएँ आपके फैसला लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं?

आम तौर पर, इस खोज ने दिखाया है, कि किस तरीके से कुछ लोगों का दिमाग, असल में, कई चीजों को याद रख कर और उन चीजों का तुरंत जवाब देने में किस तरीके से बेहतर होता है, जबकि इसके उल्ट कुछ लोगों का दिमाग कंफ्यूज और कमजोर होता है। असल में, इस दौरान इस खोज ने खुलासा किया है, कि कुछ न्यूरॉन्स में बिजली की नब्जों कि आवृत्ति, या केवल उनकी फायरिंग दर, फैसला लेने को काफी ज्यादा प्रभावित कर सकती है। आम तौर पर, उदाहरण के लिए, जिन लोगों में न्यूरॉन्स की फायरिंग दर बहुत ज्यादा तेज़ होती है, तो उनका दिमाग काफी तेजी से काम करने में सक्षम होता है और वहीं जिन लोगों में न्यूरॉन्स की फायरिंग दर कम होती है, वो असल में कंफ्जू होने वाली स्थिति में बार बार पहुंच जाते हैं। इसके अलावा, जो लोग दोनों के बीच में मध्यम गति वाले होते हैं, तो उनका दिमागी बैकअप काफी ज्यादा अच्छा होता है, इस तरह के लोग तुक्कों में चीजों को सही काफी ज्यादा सही बताते हैं। 

निष्कर्ष:

इस प्रकार, यह खोज बताती है कि कैसे प्रभावित न्यूरॉन्स और दिमाग का यह क्षेत्र मानसिक गतिविधियों को करने और फैसला लेने में एक महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं। आम तौर पर, इसके साथ ही यह याददाश्त प्रक्रियाओं, जैसे कि अपने दिमाग में चीजों को याद रखना और साथ ही एक सही फैसला लेने, में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस विषय पर और भी ज्यादा खोज करने की जरूरत है। पर तब तक आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य को बना कर रखना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। अपने मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने के लिए आपको रोजाना व्यायाम करना चाहिए। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है, या फिर दिमाग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का इलाज चाहते है, तो आप आज ही न्यूरो सिटी हॉस्पिटल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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