असल में, दिमाग हमारे शरीर का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और एक मुख्य अंग होता है। आपको बता दें कि अपने शरीर को सेहतमंद रखने के लिए अपने दिमाग को सेहतमंद रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। कुछ इस तरह की स्थिति, जिसमें अगर आपका दिमाग ही बीमार और स्वस्थ नहीं रहता है, तो इसकी वजह से आपको शरीर में महत्वपूर्ण कमी और यहां तक कि विकलांगता का भी अनुभव हो सकता है। आम तौर पर, इसलिए आपको दिमाग पर लगी चोट (ब्रेन इंजरी) को बिलकुल भी नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए, उसका जल्द से जल्द इलाज कराना चाहिए, ताकि आपके जीवन की गुणवत्ता और भी ज्यादा बेहतर हो सके। यह तो आप जानते ही होंगे, कि अक्सर हर साल कई लोग किसी दुर्घटना की वजह से दिमाग पर लगी चोट के कारण अपनी जिंदगी को खो देते हैं। इसलिए इस दौरान दिमाग पर लगी हलकी या फिर बड़ी, किसी भी प्रकार की चोट को हलके में नहीं लेना चाहिए, इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और इसका इलाज करवाना चाहिए। ताकि आगे चलकर आपको किसी बड़ी समस्या या फिर जटिलता का सामना न करना पड़े। तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके डॉक्टर से, दिमाग की चोट के कारण, लक्षण और रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
दिमाग पर चोट (ब्रेन इंजरी) के कारण
डॉक्टर के अनुसार, सिर पर किसी भी तरह की चोट लगने की वजह से दिमागी चोट लग सकती है। आम तौर पर, ज्यादातर इस तरह कि दिमागी चोट बच्चों और बूढ़ों में देखने को मिलती है, जैसे कि
- बेड से गिरना और किसी चीज से सिर टकराना।
- सीढ़ी से पैर फिसलने से दीवार या जमीन पर सिर लगना।
- किसी ऊंचाई से नीचे गिरना।
- रोड पर होने वाले एक्सीडेंट।
- दीवार आदि पर सिर टकराना।
- बॉक्सिंग, फुटबॉल और बेसबॉल खेलते समय सिर पर मुक्का या बॉल लगना।
दिमाग पर चोट (ब्रेन इंजरी) के लक्षण
दरअसल, दिमाग पर चोट लगने के कारण आपको कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। आम तौर पर, इस तरह के लक्षण चोट लगने के तुरंत बाद या फिर चोट लगने के एक हफ्ते बाद नज़र आ सकते हैं, जैसे कि
- सिर दर्द होना।
- कुछ भी बोलने में अक्षमता महसूस होना।
- कुछ स्थितियों में खुद को संतुलित न कर पाना।
- चल पाने में दिक्कत महसूस होना।
- ज्यादातर चक्कर आना।
- लाइट के प्रति सेंसिटिविटी होना।
- कुछ भी सुनने में परेशानी होना।
- धुंधला दिखाई देना।
- अपने होश खो बैठना।
- किसी दुविधा में फंसे रहना।
- मानसिक रोग जैसे डिप्रेशन, चिंता होना।
- तनाव में रहना।
- उंगलियों में कमजोरी आना।
- मूड स्विंग होना।
- उल्टियां होना।
- जी घबराना।
दिमाग पर चोट (ब्रेन इंजरी) का उपचार
आम तौर पर, आपको इस तरह के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए और साथ ही अपने आम जीवन में लौटने के लिए, फिजिकल और ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट की जरूरत होती है। दरअसल, इस दौरान थेरेपिस्ट पहले आपको अपनी रोजाना की गतिविधियों में और साथ में चीजों को याद रखने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। इसके साथ ही, आपकी कई प्रकार की गतिविधियों जैसे कि चलने और बैलेंस रखने में फिजिकल थेरेपिस्ट आपकी काफी ज्यादा सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा, वह आपके बोलने और सुन पाने में भी सहायता प्रदान कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
दिमाग हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण और आवश्यक अंग है, जिसकी वजह से हम सभी काम अच्छे तरीके से कर पाते हैं। दिमाग हमें चीजों को समझने में काफी मदद करता है, इसलिए दिमाग को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। अगर आपका दिमाग बीमार है और स्वस्थ नहीं है, तो आपको काफी शारीरिक दुर्बलता और यहां तक कि विकलांगता का भी अनुभव हो सकता है। इसलिए ब्रेन इंजरी को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति होने पर आपको तुरंत इसका इलाज करवाना चाहिए ताकि आपको आगे किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। ब्रेन इंजरी होने पर, आपको कई गंभीर लक्षण भी नजर आ सकते हैं, ऐसा होने पर आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अगर आप भी इसके बारे में अधिक जानना चाहते हैं और ब्रेन इंजरी जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं और आप किसी थेरेपिस्ट की मदद लेना चाहते हैं, तो आप आज ही न्यूरो सिटी अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

