जानिए रीढ़ की हड्डी को कैसे मस्तिष्क संबंधी विकार के साथ जोड़ा जा सकता है ?

रीढ़ की हड्डी की बात करें तो इसका सीधा संबंध हमारे दिमाग के साथ होता है, वहीं ये हड्डी बहुत सारी कोशिकाओं की मदद से आपके दिमाग तक बहुत सारे विचारों का आदान-प्रदान भी करती है। तो रीढ़ की हड्डी हमारे दिमाग के साथ क्या भूमिका निभाती है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

रीढ़ की हड्डी का दिमाग के साथ कैसे घनिष्ठ संबंध है !

  • रीढ़ के हड्डी की बात करें तो इसका संबंध हमारे दिमाग के साथ सीधा होता है, क्युकी रीढ़ की हड्डी में भी छोटा सा दिमाग होता है जो हमे किसी भी जगह पर गिरने से बचाता है। 
  • मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी आपके शरीर का केंद्रीय तंत्रिका तंत्र है। मस्तिष्क आपके शरीर के लिए कमांड सेंटर है, और रीढ़ की हड्डी मस्तिष्क द्वारा शरीर को और शरीर से मस्तिष्क तक भेजे गए संदेशों का एक मार्ग है।
  • मानव मस्तिष्क की तरह ही रीढ़ की हड्डी में भी तीन भाग होते है। इसे हम छोटे-छोटे पतले पर्दे के रूप में देख पाते है। मतलब बहुत कुछ एक समान होता है रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में। 
  • इसके अलावा कई दफा आपने देखा भी होगा कि कुछ लोगों को रीढ़ की हड्डी में चोट लग जाती है जिसकी वजह से वो ठीक से बोल नहीं पाते या बोलना कुछ चाहते है और मुंह से आवाज कुछ और ही निकल जाती है। 

रीढ़ की हड्डी का दिमाग के साथ संबंध कैसे होता है इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

रीढ़ की हड्डी को स्वास्थ्य रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखें ? 

  • रीढ़ की हड्डी को मजबूत रखने के लिए हरी सब्जियों का सेवन करें। 
  • रीढ़ की हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेरीज (गोल, मुलायम, रस और छोटे फल है जो नीले, लाल, बैंगनी रंगो का समूह है) का सेवन करें, बेरीज में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते है, जो रीढ़ को मजबूत और स्वस्थ रखने में असरदार हो सकते है। 
  • रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए आप फिश ऑयल का सेवन भी कर सकते है, क्युकि फिश ऑयल में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो आपकी नसों को सुरक्षित रख सकता है, साथ ही यह विटामिन-डी का भी अच्छा स्त्रोत माना जाता है, जो आपकी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
  • नट्स का सेवन करके भी आप अपनी रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान कर सकते है। 
  • इसके अलावा आप रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए उसे भरपूर आराम दे, क्युकी पूरे दिन के काम के बाद इसे भी आराम की जरूरत होती है, इसलिए जरूरी है की आप रीढ़ को आराम देने के लिए अच्छे गद्दे और तकिए का इस्तेमाल करें। 
  • रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से कोर एक्सरसाइज या जिसे कोर स्ट्रेंथनिंग और टोनिंग एक्सरसाइज भी कहा जाता है, इसे जरूर करें।
  • रीढ़ की हड्डी को मजबूती देने के लिए अच्छे किस्म के जूतों को पहने ताकि आपको चलने के दौरान किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और आपकी रीढ़ की हड्डी भी सुरक्षित रहें। 
  • नियमित रूप से पीठ की मालिश कराएं, ताकि आपको पीठ या रीढ़ की हड्डी में दर्द का अनुभव न हो। 
  • लंबे समय तक एक पोजीशन में न बैठें, क्युकी अगर आप ऐसा करते है तो आपको रीढ़ की हड्डी में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। 

इन रीढ़ की हड्डी के बचाव के तरीको को तो आपको जरूर करने चाहिए, लेकिन इन सबके करने के बाद भी आपको कोई फर्क नज़र न आए तो इसके लिए आप लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन से जरूर सलाह लें।

रीढ़ की हड्डी के बचाव के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

अगर आप वाकई अपने रीढ़ की हड्डी को स्वास्थ्य रखना चाहते है तो इसके लिए आपको न्यूरो सिटी हॉस्पिटल के सम्पर्क में आना चाहिए और किसी भी तरह की परेशानी होने पर यहाँ के डॉक्टर या न्यूरोलॉजिस्ट से जरूर सलाह लें। 

 

Send Us A Message

    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?
    meningitis

    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस के बीच क्या है नैदानिक अंतर ?

    • November 16, 2024

    • 99 Views

    इन्सेफेलाइटिस और मैनिंजाइटिस सूजन संबंधी स्थितियां होती है | हालांकि इन्सेफेलाइटिस मस्तिष्क…

    ब्रेन ट्यूमर क्या होता है, यह कितने प्रकार का होता है, इसके मुख्य लक्षण और कैसे किया जाता है उपचार ?
    Brain Tumor

    ब्रेन ट्यूमर क्या होता है, यह कितने प्रकार का होता है, इसके मुख्य लक्षण और कैसे किया जाता है उपचार ?

    • November 9, 2024

    • 386 Views

    आज के समय में दुनियाभर में ब्रेन ट्यूमर के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते…

    तेज़ी से बढ़ रहा है डेंगू की बीमारी का प्रकोप, जाने कैसे रखें अपने बच्चों का ख्याल ?
    Neuro

    तेज़ी से बढ़ रहा है डेंगू की बीमारी का प्रकोप, जाने कैसे रखें अपने बच्चों का ख्याल ?

    • November 4, 2024

    • 291 Views

    बारिशों के बाद मच्छरों का कहर काफी तेज़ी से बढ़ने लग जाता…