नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?

एक अच्छी नींद प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुंजी की तरह होती है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखने मदद करती है और इसके विपरीत पर्याप्त नींद की कमी आपके जीवन के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निर्बलता का कारण बन सकती है | आज के दौर में नींद संबंधी विकार के मामले बहुत तेज़ी से फ़ैल रहे है और विभिन्न अध्ययनों से यह बात भी सामने आयी है कि कोरोना महामारी के कारण सामान्य आबादी में इन विकारों का व्यापकता में जबरदस्त वृद्धि हुई है | 

अनिद्रा स्लीप डिसऑर्डर से जुड़ा सबसे आम विकार है और इस स्थिति में प्रभावी कामकाज करने के लिए आवश्यक मात्रा की नींद लेने में असमर्थता शामिल है | आसान भाषा में बात करें तो अनिद्रा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक व्यक्ति पर्याप्त रूप से नींद को पूरा करने में असमर्थ हो जाता है | इसके मुख्य लक्षणों में शामिल है, सोने में परेशानी होनी, अच्छी गुणवत्ता में नींद न आना या फिर सुबह जल्दी उठ जाना आदि | 

 

नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन इस समस्या का समय पर इलाज करवाना एक व्यक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि स्थिति गंभीर होने यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है | इसलिए नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर से जुड़े लक्षणों का पता लगते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपनी स्थिति की जांच करवाएं | इलाज के लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से भी परामर्श कर सकते है | आइये जानते है नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर होने के मुख्य कारण क्या है :- 

 

नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर होने के प्रमुख कारण क्या है ? 

 

  • तनाव :- आज के समय में तनाव हर व्यक्ति के लिए एक आम चिंता का विषय बना चुका है, चाहे वह काम का स्ट्रेस हो, परिवार और रिश्तेदार संबंधी परेशानी हो या फिर अन्य सामाजिक संबंधी घटनाएं आदि से संबंधित हो सकता  है | लंबे समय तक रहने वाला तनाव आपके स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, क्योंकि आरामदायक नींद के लिए मन का शांत रहना बेहद ज़रूरी होता है | 

 

  • मनोवैज्ञानिक विकार :- स्लीप डिसऑर्डर आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई तरह के विकार जैसे की चिंता, अवसाद और बाइपोलर डिसऑर्डर से संबंधित होते है | मनोवैज्ञानिक विकार और नींद आपस में दोतरफा से संबंधित होते है, जब एक व्यक्ति मानसिक विकारों से पीड़ित होता है तो यह अक्सर स्लीप डिसऑर्डर का कारण बन जाते है और जब एक व्यक्ति पर्याप्त रूप से नींद पूरी करने में असमर्थ हो जाता है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं का कारण बन जाते है | 

 

  • कुछ चिकित्सीय स्थितियां :- शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं स्लीप डिसऑर्डर से सीधा संबंधित होती है, जिनमें शामिल है, हाइपरथायरायडिज्म, टर्मिनल बीमारी, क्रोनिक स्थितियां, तंत्रिका संबंधी विकार आदि | 

 

  • प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग :- टेक्नोलॉजी में आये प्रगति के कारण, आज की पीढ़ी इसके अत्यधिक उपयोग के संपर्क में आ गयी है और पूरे दिन में कई लोग अपने सबसे अधिक समय इन डिजिटल उपकरण का उपयोग करने में बिता देते है, जिसकी वजह से भी स्लीप डिसऑर्डर की समस्या में काफी बढ़ोतरी हुई है | डिजिटल उपकरण से निकलने वाली रौशनी नींद के आने और नींद से जागने वाले चक्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर देती है | 

 

स्लीप डिसऑर्डर के कैसे करें बचाव ? 

स्लीप डिसऑर्डर से बचाव के लिए नींद की स्वच्छता में कुछ दैनिक आदतें और माहौल में बदलाव कर सकते है, जो हमारे स्वास्थ्य नींद को बरक़रार रखने में मदद करता है | जिनमें शामिल है :- 

 

  • अपने जागने और सोने के समय को निश्चित करें | 
  • शराब, कैफीन और निकोटीन जैसे पदार्थों का सेवन बिलकुल न करें | 
  • सोने से कम से कम 30 मिनट पहले डिजिटल स्क्रीन वाले उपकरण का उपयोग का करें | 
  • सोने से पहले मेडिटेशन का अभ्यास करें, इससे नींद बहुत जल्दी आती है | 
  • रोज़ाना सुबह उठकर व्यायाम का अभ्यास ज़रूर करें | 

 

डॉक्टर से परामर्श का करें ? 

यदि आप काफी लंबे समय से नींद की मात्रा और गुणवत्ता को लेकर परेशान है, जो आपके जीवन की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है तो बेहतर यही है की विस्तृत नींद मूल्याकांन के लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें, क्योंकि डॉक्टर से उचित उपचार प्राप्त करके आप अपनी नींद में सुधार और पहले जैसा कर सकते है | यदि कोई भी व्यक्ति डॉक्टरी सलाह के बिना किसी भी तरह के दवाओं का सेवन करता है तो यह उसके सेहत के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है | इलाज के लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | 

न्यूरोसिटी हॉस्पिटल में मौजूद सभी डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन न्यूरोसर्जरी और न्यूरोलॉजिस्ट में से एक है, जो स्लीप डिसऑर्डर का सटीकता से इलाज करने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और इलाज के लिए अपनी नियुक्ति की बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से बातचीत कर सकते है | 

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    नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है ?
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    A comprehensive guide managing and overcoming sleep disturbances.

    People are suffering from other problems that can cause sleep disturbance. Sleep disorders affect the quality, amount, and timing of sleep you get at night. Common sleep disorders include insomnia, restless legs syndrome, narcolepsy and sleep apnea. If you are looking for the treatment of sleeping orders, meet the best neurologist in Punjab

     

    What is a sleep disorder? 

    A disorder that interferes with a person’s average ability to get a good night’s sleep is known as a sleep disorder. Sleep problems come in various forms, each with symptoms and underlying causes. Sleep disorders can affect your mental health and physical health. Treatment is available to help you get the rest you need. 

     

    Different types of sleep disorders. 

    There are many different types of sleep disorders. Other underlying health conditions can cause some. 

    • Insomnia: Insomnia refers to the inability to fall asleep. It can be caused by jet lag, stress and anxiety, hormones or digestive problems. It is also a symptom of another condition. 
    • Apnea during sleep: The hallmark of sleep apnea is breathing pauses while asleep. This dangerous illness reduces the amount of oxygen the body can absorb. It may also wake you up in the middle of the night.
    • Chronic insomnia: For at least three months, you have struggled to fall or stay asleep on most evenings, resulting in fatigue or irritability. This is known as chronic insomnia.
    • Restless legs syndrome: The impulse to move your legs when sleeping is known as restless legs syndrome. With narcolepsy, you are unable to control your sleep and wake cycles.
    • Shift work sleep disorder: Due to your work schedule, you experience difficulty going to sleep and staying asleep and drowsiness at inappropriate times.
    • Delayed sleep phase syndrome: The symptoms include difficulties waking up in time for work or school and falling asleep at least two hours beyond your intended bedtime.
    • REM sleep behavior disorder: In the rapid eye movement sleep stage, you act out your dreams. This is known as REM sleep behavior disorder.

     

    Why do sleep disturbances occur?

    Disorders, illnesses, and ailments come in a wide variety that can interfere with sleep. Sleep disturbances frequently arise from underlying medical issues.

    • Allergies and breathing issues: Breathing might be difficult at night due to upper respiratory infections, allergies, and colds. Another reason you might have trouble sleeping is if you can not breathe through your nose.
    • Recurring urination: Frequent urination, or nocturia, might keep you awake at night and interfere with your sleep. This illness may occur due to urinary tract disorders and hormonal abnormalities.
    • Chronic pain: Sleeping can be difficult if there is constant pain. It may even cause you to wake up from a slumber.
    • Anxiety and stress: Anxiety and stress frequently have a detrimental effect on the quality of sleep. You could find it challenging to get to sleep or stay asleep. You might also have sleep disturbances from sleepwalking, sleep talking, or nightmares.

     

    Treatment of sleep disturbance

    There are different treatment plans to correct Sleep disturbance. 

     

    Medication

    Some medications are beneficial for the treatment of sleep disturbance. 

    • Insomnia: Sleep aids, including melatonin, zolpidem, zaleplon, suvorexant and doxepin.
    • Restless legs syndrome: Medication like gabapentin pregabalin.
    • Narcolepsy: Stimulants or wake-promoting medications, such as modafinil, armodafinil, pitolisant, mixed salt or sodium oxybate.

     

    Other treatment plans 

    • Changing your sleeping routine promotes a regular sleep schedule and proper sleep hygiene.
    • Cognitive behavioral therapy.
    • Using a CPAP machine or having a neurostimulator implanted to control sleep apnea.
    • Light therapy.

     

    Contact the best Neurosurgeon in Ludhiana at the Neurociti Hospital to treat sleeping disorders. 

     

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      स्लीप एपनिया क्या होता है ? जाने एक्सपर्ट्स से कैसे पाया जा सकता है इस समस्या से निज़ात

      न्यूरोसिटी हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक यूट्यूब शॉर्ट्स के माध्यम से यह बताया की स्लीप एपनिया एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिस कारण इसस समस्या से पीड़ित व्यक्ति अक्सर नींद में साँस लेना बंद कर देता है | जहाँ आपका मस्तिषक पर्याप्त रूप से जागकर आपकी रक्षा करने का कार्य करता है, वही यह समस्या आपके आरामदायक और स्वस्थ नींद मे खलल बनने का कारण बनती है | स्लीप एपनिया जैसे गंभीर समस्या का सही समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि समय के साथ-साथ यह स्थिति गंभीर जटिलताओं के उत्पन्न होने का प्रमुख कारण बन सकती है | यदि आप निर्धारित उपचारों का पर्याप्प्त रूप से पालन करेंगे, तो स्लीप एपनिया जैसे गंभीर समस्या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है, क्योंकि स्लीप एपनिया जैसी स्थिति को पूर्ण रूप से नियंत्रण किया जा सकता है | आइये जानते है स्लीप एपनिया जैसे स्थित के पउत्पन्न होने के प्रमुख कारण कौन-से है | 

       

      एक शोध से यह बात सामने आई है की स्लीप एपनिया स्थिति तब उत्पन्न होती है जब आपके वायु मार्ग में किसी कारण से रुकावट आ जाती है या फिर तब होती है जब आपका मस्तिष्क आपके साँस लेने के तरीके को सही तरीके से नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाता है | जिसके परिणामस्वरूप आपके शरीर में ऑक्सीजन में आये कमी कारण यह एक जीवित प्रतिवर्त को  सक्रिय कर देती है, जो पर्याप्त रूप से आपको साँस लेने के लिए जगाये रखने का कार्य करती है | हालांकि यह प्रतिवर्त आपको जीवित तो रखता है लेकिन आपके नींद चक्र में बाधित बन जाता है | स्लिप एपनिया नींद के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित सकता है, जिसके संभावित रूप से परिणाम घातक हो सकते है | 

       

      इसलिए यदि आप भी स्लीप एपनिया जैसी गंभीर समस्या से पीड़ित है तो बिना समय को देरी किये आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से इलाज के लिए परामर्श करें | इस संस्था के पास न्यूरोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की बेहतरीन टीम है, जो स्लीप एपनिया जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा दिला सकता है | इसलिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है | 

       

      इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल की यूट्यूब चैनल पर भी जा सकते है या फिर दिए गए लिंक पर इस वीडियो को पूरा देख सकते है | इस चैनल में इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मौजूद है | 

          

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        स्लीपिंग डिसऑर्डर ने कैसे उड़ाई लोगो की नींद ?

         

        पूरी नींद न लेना भी आज के समय में काफी गंभीर समस्या बनी हुई है। जिसके कारण लोगो को काम का भी काफी नुकसान होता है। बढ़ते काम की वजह से नींद में कमी करने से लोगो के सेहत पर भी काफी गहरा असर पड़ता है। तो आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में बात करेंगे कि आखिर व्यक्ति में ये समस्या क्यों उत्पन होती है या स्लीपिंग डिसऑर्डर क्या है ;

        नींद में कमी के कारण क्या है ?

        इसके कारण निम्नलिखित है ;

        • नींद में कमी या नींद पूरी न लेने से व्यक्ति को चिंता या तनाव का सहारा लेना पड़ता है। शरीर में कोई परेशानी होना या स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होना जैसे – मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, तनाव। जीवनशैली में बदलाव का आना भी नींद में कमी का एक महत्वपूर्ण कारण है।
        • अत्यधिक काम का बोझ भी नींद में कमी का एक महत्वपूर्ण कारण है।

        नींद में कमी के कारणों को अच्छे से जानने के लिए आप बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना से जरूर मुलाकात करे।

        स्लीपिंग डिसऑर्डर या नींद में कमी का आना क्या है ?

        स्लीपिंग डिसऑर्डर के बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

        स्लीप डिसऑर्डर एक ऐसी स्थिति को कहते हैं, जो आपकी नींद को खराब कर देती है या फिर आरामदायक नींद लेने से आपको रोकती है. अब चाहे वो किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण हो या बहुत अधिक तनाव के कारण, स्लीप डिसऑर्डर के कारण दिन में नींद आना, रात में नींद न आना और हमेशा सुस्ती बने रहना काफी सामान्य बन कर सामने आ रही है।

        स्लीपिंग डिसऑर्डर कितने तरह के होते है ?

        स्लीपिंग डिसऑर्डर कई तरह के होते है, पर इनमे से हम कुछ को ही आपके सामने प्रस्तुत करेंगे ;

        • अनिद्रा, इस स्थिति में व्यक्ति नींद अच्छे से नहीं ले पाता।
        • नार्कोलेप्सी, ये भी एक प्रकार के नींद के प्रकार में शामिल है। यदि आपको ये समस्या है, तो आप किसी भी समय और कही भी सो सकते है।
        • स्लीप एप्निया एक गंभीर स्लीप डिसऑर्डर है। जहां आपका वायुमार्ग बार-बार अवरुद्ध हो जाता है, जिससे आपको सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपको यह विकार है, तो आप जोर से खर्राटे लेंगे या घुटन की आवाज सोते वक़्त आप निकालेंगे।

        नींद में विकार या स्लीपिंग डिसऑर्डर की कमी किन में पाई जाती है ?

        • कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स और मनोवैज्ञानिकों का मानना है, कि स्लीपिंग डिसऑर्डर ज्यादातर उन लोगों को अपना शिकार बनाती है, जो किसी ऐसे प्रफेशन से जुड़े होते है, जहां शारीरिक रूप से कम और मानसिक रूप से थकान अधिक होती है। जैसे, मीडिया, कॉल सेंटर, हॉस्पिटल स्टाफ, या दूसरे प्रफेशंस में सीटिंग जॉब करने वाले लोग आदि।

        स्लीपिंग डिसऑर्डर से बचने के उपाय क्या है ?

        इसके उपाय निम्न है ;

        • दोपहर में सोने से बचे। और दोपहर के बाद चाय-कॉफी का सेवन न करे।
        • फिजिकल ऐक्टिविटीज में खुद को व्यस्त रखे।
        • संभव हो तो सोने से दो घंटे पहले खाना खाए।
        • सोने से पहले अच्छे से मुँह हाथ धोकर और साफ़ कपडे पहनकर ही सोए।

        यदि इन सब उपायों को अपनाने के बाद भी अगर आपको आराम न मिले तो न्यूरो सीटी हॉस्पिटल से किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन करे।

        निष्कर्ष :

        आप भी अगर स्लीपिंग डिसऑर्डर की समस्या से जूझ रहे है। तो उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखे और कोई भी उपाय या दवाई आजमाने से पहले किसी अच्छे डॉक्टर से जरूर परामर्श ले।

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          Everything You Need To Know About Sleep Disorders

          People are neglecting their sleep just to complete some of their work. These are the people who want to sleep but are unable to due to their work pressure.

          But on the other hand, some people cannot sleep because their body does not show any signals to sleep.

          If you are from the second category, then this blog post is for you. The number of people with sleep disorders is increasing, and they are doing nothing to treat these issues.

          Follow us till the end and know if your sleep disorder is normal or a neurological disorder.

          What do you mean by Sleep disorders?

          Generally, Sleep disorders are also known as sleep-wake disorders. As we all know that a person needs 7 to 8 hours of quality sleep with the help of which their body can rest properly, but there are a few people with sleep disorders who face issues such as:

          • They cannot sleep for a long time; they will sleep for an hour, and their body will tell them not to sleep. Hence they cannot complete their sound sleep of 7 to 8 hours.
          • When an average person with no sleep disorder sleeps, they can get quality sleep, but people with sleep disorders cannot. As a result, they face many quality sleep problems, in which they cannot sleep for long hours properly.
          • Even after sleeping for 7 hours, their body is not energetic, or they still feel sleepy.

          Brain & Our Ability to Sleep

          The people who face sleep disorders are those whose brains stop giving signals to release those important chemicals.

          It has been noticed that people who are unable to get sufficient sleep at night face plenty of health issues, such as depression, diabetes, obesity, and many more.

          That’s why getting in touch with the best neurosurgeon in Ludhiana who can help you solve this mental health issue is suggested.

          Common Sleep Disorders

          • The first and most common sleep disorder is insomnia, in which the person cannot get restful sleep; they will randomly wake up and not be able to sleep. This issue takes place due to stressful conditions and traumatic life experiences.
          • The next sleep disorder is narcolepsy, a severe sleep disorder in which the person suddenly faces a sleep attack. It has been noticed that people with narcolepsy are unable to complete their daily tasks and face serious issues linked to it.
          • The third common sleep disorder is obstructive sleep apnea, in which the mouth of someone blocks itself during sleep. If not treated, it can also become extremely serious and lead to death.

          Conclusion:

          Sleep disorders are severe neurological disorders. Make sure you get in touch with the best neurologist in Ludhiana that can help you with this issue. If you find the most reliable neuro hospital in Ludhiana, Neurociti Hospital is the perfect option.

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            Sleep disorder: What are the warning signs of sleep apnea in a child?

            Sleep disorder is common among children

            Is your child having difficulty sleeping? There’s a possibility that your child is not getting enough sleep that he or she needs. Improper sleeping patterns or not having enough sleep can pose a negative impact on overall health. And that’s why it is important to get on-time sleep disorder treatment with the expertise of a healthcare specialist.

            It’s essential to look at the statistics because the prevalence rate keeps increasing among children and adolescents age. It’s not just the sleeping problem, but there’s a higher possibility of having other health concerns like:

            • Obesity
            • Behavioral health problems
            • Attentiveness gets less at school

            If you notice your child is not attentive or the brain is processing things slowly, it’s essential to visit one of the Best Neuro Hospital in Ludhiana.

            Do you know?

            One of the other common sleep disorders is OSAS (Obstructive Sleep Apnea Syndrome). During this condition, the child has difficulty breathing in their sleep. The condition happens when breathing airways are blocked or narrow during sleep.

            What are the warning signs of sleeping disorders?

            The sleeping disorder shows several common signs and symptoms while the child is asleep and even throughout the day. During pediatric sleep apnea, the child can show the given signs and symptoms:

            • Snoring
            • Mouth breathing
            • Nighttime sweating
            • Sleepwalking or night terrors
            • Bed-wetting
            • Pauses in breathing (from a few seconds up to a minute)
            • Coughing or choking
            • Restlessness during sleep

            On the other hand, with OSAS, the signs and symptoms are different compared to the sleeping disorder. Some of the most common ones are:

            • Have behavioral problems
            • Poor performance in school
            • Continuous weight gain
            • Being in a hyperactive state all the time
            • Sleep throughout the day
            • Stay in an irritable mood all day long
            • Not able to pay attention

            It’s essential to check the possible signs and symptoms at the earliest. So, if you notice a sudden change in your child’s daily activity and behavior, then it’s essential to schedule an initial consultation with one of the leading Neurologist in Punjab.

            Are there any long-term effects of sleep apnea on a child?

            Sleep apnea does have long-term and short-term effects on a child. The child needs enough sleep; otherwise, you will notice a huge change in their behavior as all the common signs and symptoms are mentioned above to give a better idea about the same.

            It’s important to be prompt in seeking medical attention. Otherwise, the situation can worsen with time and pose a greater risk of other health conditions. Children have an increased risk of heart problems and strained cognitive development.

            Don’t delay medical attention

            Well, it’s pretty evident to not neglect medical care. Otherwise, it can pose a serious effect on your child’s overall health.

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