निमोनिया क्या है, इसके मुख्य लक्षण, कारण और कैसे किया जाता है इलाज ?

निमोनिया हमारे फेफड़ों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर बीमारी की तरह होती है | जिसकी वजह से पीड़ित मरीज़ों के फेफड़ों में पानी भर जाता है और उनमें सूजन आ जाती है | यह एक या फिर दोनों फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है | निमोनिया होने के मुख्य कारणों में वायरस और बैक्टीरिया का नाम सबसे पहले नंबर पर आता है | दरअसल निमोनिया होने पर फेफड़ों में मौजूद वायु थैली में हवा या फिर मवाद भरने लग जाता है | जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को खांसने और सांस लेने में बड़ी परेशानी होती है और इसके साथ ही सीने में दर्द भी होने लग जाता है |

 निमोनिया एक गंभीर बीमारी है, जिसका सही समय पर इलाज करवाना एक पीड़ित व्यक्ति के लिए बेहद ज़रूरी होता है, यदि समय रहते इस बीमारी का इलाज न किया गया तो यह पीड़ित व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित भी हो सकता है | यदि आप में से कोई भी व्यक्ति निमोनिया से जुड़े लक्षणों से पीड़ित है तो इलाज के लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते  है | आइये जानते निमोनिया के बारे में विस्तारपूर्वक से :- 

 

निमोनिया क्या है ? 

निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण होता है, जो मुख्य रूप से जीवाणु और विषाणु संक्रमण के कारण उत्पन्न होता है | हालाँकि यह बीमारी बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स के कारण भी हो सकता है | इस सबके अलावा, निमोनिया कुछ ख़ास तरह के दवाओं का अधिक सेवन करने से, सूक्ष्म जीवों और अन्य रोगों के कारण भी हो सकता है | निमोनिया से अक्सर बच्चे और बूढ़े लोग ही सबसे अधिक प्रभावित होते है, लेकिन यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है | आइये जानते है, निमोनिया कितने प्रकार के होते है :- 

 

निमोनिया कितने प्रकार के होते है ? 

निमोनिया पांच तरह होते है, जिसमें शामिल है :- बैक्टीरियल निमोनिया, वायरल निमोनिया,  माइकोप्लाज़्मा निमोनिया, एस्पिरेशन निमोनिया और फंगल निमोनिया | 

 

बैक्टीरियल निमोनिया

बैक्टीरिया से होने वाला निमोनिया, वायरल निमोनिया से सबसे अधिक आम और गंभीर होता है, यह सर्दी या फिर फ्लू होने के बाद शुरू हो सकता है | इसके अलावा यह सीधे बैक्टीरियल संक्रमण के रूप में भी हो सकता है | बैक्टीरियल निमोनिया के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है | 

   

वायरल निमोनिया

यह फ्लू के साथ-साथ विभिन्न वायरल संक्रमण के कारण उत्पन्न होता है | जो व्यक्ति पहले से ही वायरल निमोनिया से पीड़ित होते है, उनमें बैक्टीरियल निमोनिया होने का खतरा सबसे अधिक होता है | कई बार फ्लू जैसे संक्रमण को उत्पन्न करने वाला वायरल निमोनिया अपने आप ही ठीक हो जाता है, आमतौर पर वायरल निमोनिया के लिए खास इलाज की ज़रुरत नहीं पड़ती | 

 

माइकोप्लाज़्मा निमोनिया

इस प्रकार का निमोनिया माइकोप्लाज़्मा निमोने नामक जीवाणु के कारण उत्पन्न होता है, जिसके मामलें आमतौर पर 40 या फिर इससे भी कम उम्र के लोगों में देखने को मिल सकते है | माइकोप्लाज़्मा निमोनिया उन व्यक्तियों को सबसे अधिक प्रभावित करता है, जो लोग भीड़-भाड़ वाले इलाके में रहते है या फिर काम करते है |   

 

एस्पिरेशन निमोनिया 

यह निमोनिया किसी प्रकार के भोजन के सेवन करने से, तरल पदार्थ या फिर धूप में रहने से होता है | कई बार एस्पिरेशन निमोनिया का इलाज करने के दौरान, इससे पीड़ित व्यक्ति को कई तरह के परेशानियों से गुजरना पड़ जाता है |   

 

फंगल निमोनिया

यह निमोनिया शरीर के विभिन्न स्थानों या फिर कुछ ख़ास कारणों से उत्पन्न होता है, जैसे की फंगस | यह निमोनिया उन लोगों को सबसे अधिक प्रभावित करता है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमज़ोर होती है या फिर जिनमें दीर्घकालिक स्वास्थ्य से जुडी समस्याएं होती है |  

 

निमोनिया होने के मुख्य लक्षण क्या है ?     

निमोनिया होने के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है :- 

 

  • तेज़ बुखार होना 
  • खांसी के साथ पीला, हरा और खुनी बलगम का आना 
  • सांस लेने में परेशानी होनी 
  • दिल की धड़कन का तेज़ होना 
  • बार-बार पसीना आना या फिर ठंड लगना
  • भूख न लगना 
  • सीने या फिर पेट में दर्द का अनुभव होना 
  • त्वचा, होंठ या फिर नाखूनों का नीला पड़ना 
  • भ्रम में रहना या फिर मानसिक स्थिति में बदलाव होना 
  • शरीर में कम ऊर्जा या फिर अत्यधिक थकान होने का महसूस होना आदि शामिल है 

निमोनिया होने के मुख्य कारण क्या है ? 

निमोनिया होने के मुख्य कारणों में वायरस, बैक्टीरिया और फंगस शामिल होते है | जब कोई संक्रमित व्यक्ति आपके सामने आकर खांसता या फिर छींकता है तो इससे उस व्यक्ति के ड्रॉपलेट मुंह के ज़रिये आपके शरीर के अंदर चला जाता है | इसके आलावा रेस्पिरेटरी वायरस जैसे की इन्फ्लुएंजा या फिर राइनोवायरस भी इस बीमारी का कारण बन सकते है | इसके साथ ही निमोनिया मिट्टी और पक्षियों के मल से निकलने वाले कवक से भी हो सकता है | 

 

निमोनिया का कैसे किया जाता है उपचार ? 

निमोनिया का सटीक इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है | इसके कारणों का पता लगने के बाद ही डॉक्टर मरीज़ को एंटीबायोटिक दवाएं निर्धारित करता है | इसके साथ-ही वायरल निमोनिया की स्थिति के लिए एंटीवायरल दवाएं भी निर्धारित की जाती है | दवाएं निर्धारित करने के साथ-साथ डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति को अधिक से अधिक शरीर को आराम देने की सलाह और शरीर को हाइड्रेट रखने का सुझाव देता है | इसके अलावा डॉक्टर निमोनिया का जड़ से इलाज करने के लिए इंट्रावेनस, एंटीबायोटिक्स, रेस्पिरेटरी थेरेपी और ऑक्सीजन थेरेपी का उपयोग भी कर सकता है | 

 

निमोनिया एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसका समय पर इलाज करवाना पीड़ित व्यक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है | यदि आप में कोई भी व्यक्ति निमोनिया का शिकार हो गया है तो इलाज के लिए आप न्यूरोसिटी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विकेश गुप्ता पंजाब के बेहतरीन पुमोनोलॉजिस्ट में से एक है, जो इस समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही न्यूरोसिटी हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और इलाज के लिए तुरंत अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |      

        

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